2019 में नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस, AAP ने किया रिसर्च टीम का विस्तार, PM के ”झूठ” का पर्दाफाश करने पर जोर
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी रिसर्च टीम को मजबूत करने में लगी हुई हैं। ये टीमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘झूठ’ का पर्दाफाश करेंगी। इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस या सोशल मीडिया पर भाजपा और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए तथ्य और आंकड़े उपलब्ध करवाती हैं। आपको बता दें, जनवरी में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद में आर्थिक सर्वे पेश करने से पहले कांग्रेस की रिसर्च टीम ने मेहनत करके अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, थिंक टैंक रिसर्चर, पूर्व नौकरशाह, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों को आंकड़े इकट्ठे करके एक रिपोर्ट बनाई थी। इस रिपोर्ट की प्रस्तावना पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने लिखी थी। रिपोर्ट का नाम रखा गया था ‘रियल स्टेट ऑफ इकॉनोमी’। इसमें बताया गया था कि नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था का क्या हाल हो गया है।
पिछले तीन साल से कांग्रेस की रिसर्च टीम को आठ लोग चला रहे थे। लेकिन अब इसका विस्तार किया जा रहा है। इस टीम का नेतृत्व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद एमवी राजीव गौड़ा कर रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग एजुकेशन बैकग्राउंड के 30 वॉलियंटर्स के साथ यह टीम बना रखी है। इसमें युवा नेता आतिश मर्लेना और विधायक सौरभ भारद्वाज जैसे लोग शामिल हैं।
अंग्रेजी अखबार मेल टुडे से बात करते हुए आम आदमी पार्टी की रिसर्च सेल के हेड अर्जुन जोशी ने बताया, ‘वॉलियंटर्स की दो-दो महीने की इंटर्नशिप के साथ हमारी रिसर्च टीम शुरु हुई थी, लेकिन अब यह एक स्थाई विभाग बन गया है। अभी इस टीम में हमारे पास 30 लोगों की टीम है, जो कि 26 साल की उम्र से कम हैं। ये सभी लोग इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। हमारी टीम यह जानकारी जुटाती है कि नरेंद्र मोदी सरकार कहां-कहां पिछड़ रही है।’
मेल टुडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों पार्टियों की रिसर्च टीम आरटीआई का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। इससे उनके पास पुख्ता जानकारी आती है और फिर नेताओं और मंत्रियों के बयानों के साथ रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके बाद उन तथ्यों को आधिकारिक वेबसाइट या फिर नेताओं के सोशल मीडिया हेंडल पर शेयर किया जाता है। इसके अलावा यह टीम नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए डाटा उपलब्ध करवाती हैं।