पीएम नरेंद्र मोदी-अमित शाह पर शिवसेना का निशाना- प्रवीण तोगड़िया के दावे पर दें स्पष्टीकरण
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह पर निशाना साधते हुए उनसे कहा कि वे विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया के उनकी हत्या की साजिश रचे जाने संबंधी दावे पर स्पष्टीकरण दे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा, ‘‘जब भारत में हिंदुत्व समर्थक लोगों को अपनी जान का भय हो, तो मोदी और अमित शाह को सामने आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए। नई (भाजपा के नेतृत्व वाली) सरकार के सत्ता में आने के बाद एल के आडवाणी समेत कई लोगों की आवाज बंद हो गई है।’’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल ने कहा कि अब यह देखा जाना बाकी है कि जब विहिप नेता ने आरोप लगाया है कि उन्हें चुप करने की साजिश रची गई थी, तो अब उन्हें क्या ‘उपाधि’ दी जाएगी।
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘तोगड़िया ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। जब उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सामने आकर न्यायपालिका में (केंद्र के) हस्तक्षेप का आरोप लगाया तो उन्हें राष्ट्र विरोधी और कांग्रेस के एजेंट करार दिया गया। देखना यह होगा कि प्रवीण तोगड़िया को अब क्या उपाधि दी जाएगी।’’ पार्टी ने दावा किया कि ताकत और दहशत का इस्तेमाल करके शिवसेना की आवाज को दबाने के लिए पहले कोशिशें की जा चुकी हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि मंच से जोरदार भाषण देने वाले तोगड़िया जैसे नेता को आंसू बहाते और अपने जीवन के लिए भयभीत देखकर हैरानी होती है। संपादकीय में कहा गया, ‘‘हिंदुत्ववादी नेताओं वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे ने कभी आंसू नहीं बहाए या अपनी बेबसी नहीं दिखाई। यह दु:ख की बात है कि हिंदुत्ववादी नेता समझे जाने वाले तोगड़िया की हालत ऐसी है कि उन्हें आंसू बहाने पड़े।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘क्या हत्यारे पुलिकर्मियों के वेश में तोगड़िया तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि राजस्थान और गुजरात के मुख्यमंत्रियों को विहिप प्रमुख को गिरफ्तार करने के लिए पुलिसकर्मिर्यों को भेजे जाने की कोई जानकारी नहीं थी।’’ शिवसेना ने कहा, ‘‘हमने हिंदुत्व की लड़ाई कभी गुरिल्ला तरीके से नहीं लड़ी। हमारे लिए हिंदुत्व कोई खेल या राजनीति करने का जरिया नहीं बल्कि हमारा राष्ट्र धर्म है।’’
तोगड़िया को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। वह 15 जनवरी को उस समय लापता हो गए थे जब राजस्थान पुलिस की एक टीम सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर में दर्ज एक मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अहमदाबाद गई थी। वह बाद में एक पार्क में बेहोश मिले थे और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्होंने अस्पताल में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि हिंदू समुदाय से जुड़े मुद्दे उठाने के कारण उन्हें चुप कराने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें कुछ लोगों ने संदेश दिए थे कि उन्हें (फर्जी) ‘मुठभेड़’ में मारा जा सकता है।