एंकर के ‘पीटीएम’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘जेम’ फार्मूला: बोले- बिना टेंडर के ही मैन्यूफैक्चरर्स को ऐसे मिलेगा काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात को अपना साल 2018 का पहला इंटरव्यू दिया। पीएम ने हिंदी चैनल जी न्यूज से बातचीत में राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय मसलों, कूटनीति, राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़े सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए।पीएम ने सबसे पहले देशवासियों को नए साल की बधाई दी। फिर अपने दावोस दौरे के बार में बताया। उन्होंने कहा, “दुनिया जानती है कि दावोस अर्थजगत की बड़ी पंचायत बन चुका है। सभी बड़े लोग वहां आते हैं। भावी स्थिति क्या रहेगी, उस पर जोर रहता है। अर्थजगत के लोग भी वहां आते हैं। पीएम बनने के बाद मैं वहां जाना चाहता था, लेकिन मौका नहीं लग पा रहा था। इस बार एशियाई बैठक हो रही है। 10 मुखिया इसमें हिस्सा लेंगे। भारत उनके बीच आकर्षण का केंद्र है। अर्थ जगत का ध्यान हम पर है। ऐसा इसलिए, क्योंकि देश की जीडीपी रफ्तार से बढ़ रही है। दूसरा कारण लोकतांत्रिक मूल्य हैं। यह अनोखा कॉम्बिनेशन है, लिहाजा भारत के लिए अच्छा अवसर है।”

मोदी ने आगे कहा, ”दुनिया ने देखा है कि हम अलग सोच वाली अलग सरकार हैं। भारत अपने घर में अच्छा कर रहा है। दुनिया यह स्वीकार कर रही है।” एंकर सुधीर चौधरी के यह पूछने पर कि जब किसी संपन्न देश के मुखिया के पास खड़े होते हैं तो आपको कैसा लगता है। पीएम बोले, “मैं यह मान कर चलता हूं कि मोदी नहीं बल्कि देश की सवा सौ करोड़ जनता खड़ी है।” विश्व में गढ़ी गई नई व्यवस्था पीटीएम (पुतिन, ट्रंप और मोदी) के बारे में पूछा गया तो पीएम ने कहा, “हमें देश को सीमित दायरों में बांधना नहीं चाहिए। सार्क देशों और जी-20 में हमें मैत्रीपूर्ण संबंध बनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए।” पीएम से नोटबंदी और जीएसटी बिल पर सवाल हुआ। मोदी ने इस पर कहा, “अगर आप इन्हीं दो चीजों को हमारा (भाजपा सरकार) काम मानते हैं तो यह अन्याय है।” पीएम के मुताबिक, “जनधन योजना से लोगों को बैंक से जोड़ने में हम कामयाब हुए। इसे हमारा काम नहीं मानेंगे? देश में करोड़ों परिवारों को गैस कनेक्शन दिए गए, क्या यह हमारा काम नहीं? 28 करोड़ एलईडी बल्ब देश में लगे, जिससे हजारों करोड़ मेगावॉट बिजली की बचत हुई। यह हमारा काम नहीं है क्या?”

जीएसटी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “जीएसटी की बात अटल सरकार के वक्त शुरू हुई, मगर यूपीए के आने के बाद उन्होंने किसी वजह से राज्यों की बात नहीं सुनी। हमने सरकार बनने के बाद राज्यों की बातें सुनीं और देश में एक देश-एक टैक्स का फॉर्मुला लागू किया।” मोदी ने आगे बोले, “मैं सामान्य इंसान हूं। मुझे सब प्रोटोकॉल भी नहीं पता हैं। मुझे ज्यादा अनुभव भी नहीं था, जिस पर लोग मेरे पीएम बनने पर मेरा मजाक बनाते थे, लेकिन मुझे अनुभव नहीं होने का फायदा मिला। बजट के बारे में बताते हुए मोदी बोले, “चुनाव हो या न हो। पहला बजट हो या आखिरी हो। मोदी और भाजपा का एक ही मंत्र है- विकास, विकास, विकास। सबका साथ-सबका विकास। उसके लिए जो जरूरी होगा, वह करेंगे। वही करते आए हैं। वही करेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *