पीएम मोदी के विकास के एजेंडे को सीएम ममता ने नहीं किया दरकिनार

कोलकाता में दो दिन का वैश्विक व्यापार सम्मेलन कर ममता बनर्जी ने जता दिया कि सूबे के विकास की चिंता उन्हें भी कम नहीं है। सबका साथ, सबका विकास भले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा हो पर कम से कम पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास के एजंडे को ममता ने भी दरकिनार नहीं किया है। प्रस्ताव भी खूब मिले निवेश के इस सम्मेलन में। भले आलोचक कहें कि पिछले साल के 2.35 लाख करोड़ के मुकाबले इस बार आंकड़ा घट कर 2.20 लाख करोड़ पर अटक गया। तो भी रिलायंस के मुकेश अंबानी, जेएस डब्लू के सज्जन जिंदल और अडानी समूह की भागीदारी पर ममता इठला तो सकती ही हैं। उन्हें उम्मीद है कि निवेश के प्रस्ताव धरातल पर उतरे तो बीस लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। निवेश करने वाले उद्योगपतियों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा भी दिया है ममता ने। रही विरोधी दलों की बात तो वे भी अपना धर्म निभाएंगे ही। सवाल उठा दिया है कि पिछले निवेश प्रस्तावों का क्या हुआ, इस पर श्वेत पत्र जारी क्यों नहीं करती सरकार। विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान को तो निवेश सम्मेलन लोगों के धन की बर्बादी से ज्यादा कुछ जंचता ही नहीं। लोगों को मूर्ख बनाने की ममता की कलाकारी बताया है उन्होंने। कांग्रेस के सूबेदार अधीर रंजन चौधरी और माकपा के सुजन चक्रवर्ती के साथ ममता की घेरेबंदी भाजपा के सूबेदार दिलीप घोष भी करना नहीं भूले। हर कोई ममता के प्रयास को लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश से लेकर कोरा तमाशा तक न जाने क्या-क्या बता रहा है।

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