‘AAP’ के बाद हरियाणा BJP के 4 विधायकों की सदस्यता पर उठे सवाल, लाभ के पद का है मामला

आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के बाद अब हरियाणा के चार बीजेपी विधायकों पर भी सदस्यता रद्द होने का खता मंडराने लगा है। हरियाणा में मुख्य संसदीय सचिव के पद से चार बीजेपी विधायकों को हटाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले एडवोकेट ने ये इनकी सदस्यता भी रद्द करने की मांग की है। एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने इंडिया टुडे से कहा, ‘दिल्ली के AAP विधायकों की तरह बीजेपी के इन विधायकों ने भी लाभ का पद हासिल किया और इनकी सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए।’ आपको बता दें कि पिछले साल खट्टर सरकार ने चार बीजेपी विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया था। साल 2016 में संसदीय सचिव के तौर पर पंजाब के 18 विधायकों की नियुक्ति को भी हाईकोर्ट ने एडवोकेट भट्टी की याचिका पर अमान्य घोषित किया था।

एडवोकेट भट्टी ने कहा, ‘मैं चुनाव आयोग और राज्यपाल को खत लिखने जा रहा हूं कि इन विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए क्योंकि इन्हें एक मंत्री की सुविधाएं मिलीं। श्याम सिंह राणा, कमल गुप्ता, बख्शीश सिंह विर्क और सीमा त्रिखा को खट्टर सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था।’ एडवोकेट भट्टी के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा फाइल किए गए हलफनामे के मुताबिक संसदीय सचिवों को एक विधायक की तुलना में ज्यादा वेतन और भत्ते दिए गए। इन्हें राज्य की ओर से कार, स्टाफ और आवास भी उपलब्ध कराए गए।

भट्टी ने निवेदन किया है कि संसदीय सचिव के तौर पर चारों विधायकों को जो सुविधाएं दी गईं, उसकी भरपाई हो, जिसे राज्य के खजाने में जमा कराया जाए। इसके अलावा पंजाब के उन 18 विधायकों को भी सजा दी जाए, जिन्हें हाई कोर्ट ने 2016 में संसदीय सचिव के पद से हटाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *