आप ने हारी 20 की बाजी

अजय पांडेय

चुनाव आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। केंद्रीय विधि मंत्रालय ने राष्ट्रपति के हवाले से 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने संबंधी अधिसूचना रविवार को जारी कर दी। चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में वकील प्रशांत पटेल की याचिका पर करीब ढाई साल तक विचार और सुनवाई की। शुक्रवार को आप के इन 20 विधायकों को संसदीय सचिव के तौर पर लाभ के पद पर काबिज करार देकर चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इन्हें अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की थी। आयोग की इस सिफारिश के खिलाफ इन विधायकों ने हाई कोर्ट में भी अपील की लेकिन अदालत ने उन्हें कोई फौरी राहत देने से साफ इनकार कर दिया था। उसके बाद रविवार को राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर मुहर लगा दी। आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को हाई कोर्ट में नए सिरे से गुहार लगाएगी। अदालत से अगर इन्हें राहत नहीं मिली तो 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना तय है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और इन विधायकों के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा और कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग भी शुरू हो गई है दूसरी ओर, आप ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण, असंवैधानिक और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने का एलान किया है। आप के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने का राष्ट्रपति का निर्णय असंवैधानिक और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। आप नेताओं ने भाजपा पर पार्टी को तोड़ने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया है कि दिल्ली को चुनाव में झोंक कर भाजपा आप सरकार द्वारा कराए जा रहे तमाम विकास कार्यों को रोकने का षड्यंत्र कर रही है। पार्टी ने चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला और उस पर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।

अयोग्य घोषित की गर्इं विधायक अलका लांबा ने कहा कि यह फैसला दुखद है और राष्ट्रपति को किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले हमारी बात सुननी चाहिए थी जबकि अनिल कुमार बाजपेयी ने कहा कि फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने संकेत दिए कि उनकी पार्टी इस मामले को पहले हाई कोर्ट और उसके बाद जरूरी होने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने कहा कि संसदीय सचिव के तौर पर उन्होंने सरकार से एक रुपए का भी लाभ नहीं लिया है। कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मदनलाल ने कहा कि अब सारी उम्मीदें न्यायपालिका से हैं।चुनाव आयोग की सिफारिश पर अयोग्य ठहराए गए आप के विधायकों में आदर्श शास्त्री, अलका लांबा, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, प्रवीण कुमार, शरद कुमार चौहान, मदन लाल, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, अनिल कुमार बाजपेयी, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखबीर सिंह, मनोज कुमार, नितिन त्यागी और जरनैल सिंह शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *