दावोस में आतंकवाद पर बरसे मोदी, जलवायु परिवर्तन, आत्मकेंद्रण को भी बताया बड़ी चुनौती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (23 जनवरी) को स्विटजरलैंड के शहर दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद को पूरी दुनिया के लिए सबसी बड़ी चुनौती करार दिया और कहा कि अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद में भेद करना सबसे ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने आतंकवाद का समूल खात्मे के लिए विश्व समुदाय से एकजुट होने का आह्वान किया। बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत का इकोनॉमिक विजन पेश करते हुए पीएम मोदी ने न्यू इंडिया की तस्वीर सामने रखी। मोदी ने कहा कि 20 साल बाद इस मंच पर कोई भारतीय प्रधानमंत्री आया है। उन्होंने कहा कि साल 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा आए थे तो उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था महज 400 बिलियन डॉलर की थी लेकिन आज यह छह गुना ज्यादा बड़ी है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विश्व की तीन बड़ी चुनौतियों को गिनाते हुए कहा कि जसवायु परिवर्तन मौजूदा समय में दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘विश्व में गर्मी बढ़ती जा रही है, ग्लैशियर्स पिघल रहे हैं। हमें आत्मचिंतन करने की जरूरत है। अगर हम सोचेंगे तो पाएंगे कि पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हमें एकजुट होने की आवश्यकता है। हमें मानव और प्रकृति के बीच तालमेल बैठाना होगा।’

– मोदी ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी चुनौती विश्व के सामने आतंकवाद है। आतंकवाद जितना खतरनाक है उससे भी ज्यादा खतरनाक है अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के बीच बनाया गया अंतर।

– उन्होंने तीसरी सबसे बड़ी चुनौती आत्मकेंद्रण को बताया। उन्होंने कहा कि बहुत से देश आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं। ग्लोबलाइजेशन के विपरीत ऐसा हो रहा है। इसे क्लाइमेट चेंज और आतंकवाद के खतरे से कम नहीं मान सकते। हमें इस बात को स्वीकार करना होगा कि ग्लोबलाइजेशन की चमक धीरे-धीरे कम होती जा रही है। यूएन के आदर्श अभी भी सर्वमान्य है, लेकिन फिर भी देश आत्मकेंद्रित हो रहे हैं। पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। उनके आदर्शों की अहमियत के बारे में भी बात की।

– पीएम ने कहा कि इस साल का विषय ‘क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ है। नई ताकतें आर्थिक और राजनीतिक तालमेल को बदल रही हैं। यह सब भविष्य में होने वाले एक बड़े बदलाव की तरफ इशारा कर रहा है। विश्व इस वक्त शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में चुनौतियों का सामना कर रहा है।

– 2014 में 30 सालों के बाद भारतीयों ने किसी एक राजनीतिक पार्टी को बहुमत दिलाया। 30 सालों बाद कोई पार्टी सरकार में बहुमत के साथ आई। उन्होंने कहा भारत किसी एक वर्ग के विकास पर ध्यान नहीं दे रहा बल्कि हमारा उद्देश्य सबका साथ सबका विकास है। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने बैंक खाते खुलवाए। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर ध्यान दिया। हम मानते हैं कि विकास तभी विकास है जब साथ में सबको लेकर के चला जाए और सबके लिए चला जाए। हम केवल छोटे-मोटे सुधार नहीं कर रहे, बल्कि बड़ा सुधार कर रहे हैं। हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर चल रहे हैं। आज भारत में निवेश करना, यात्रा करना, काम करना और भारत से अपने प्रोडक्ट को दुनियाभर में निर्यात करना सब कुछ पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है।’

– उन्होंने कहा 1400 से अधिक ऐसे पुराने कानून जो लोगों के जीवन में अड़चन डाल रहे थे उन्हें खत्म किया। 70 सालों के आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हमने एक देश एक टैक्स की व्यवस्था की। हम जीएसटी लेकर आए। पीएम ने कहा, ‘भारत सरकार के नीतिगत फैसलों और असरदार कदमों ने परिस्थितियां बदल दीं। साढ़े तीन साल से भी कम समय में भारत में बड़े परिवर्तन हुए।’

– उन्होंने कहा, ‘भारत में अनादिकाल से हम मानव मात्र को जोड़ने में विश्वास करते आए हैं, उसे तोड़ने और बांटने में नहीं। भारतीय चिंतकों ने कहा है ‘वसुधैव कुटुंबकम’, यानी पूरी दुनिया एक परिवार है। हमारी नियतियों में एक सांझा सूत्र हमें जोड़ता है। वसुधैव कुटुंबकम की यह धारा निश्चित तौर पर दरारों और दूरियों को मिटाने के लिए और भी ज्यादा सार्थक है।’

– पीएम ने कहा कि एक गंभीर बात यह है कि इस काल के भीतर चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे बीच थोड़ा अभाव है, लेकिन परिवार में जब कोई चुनौती आती है तो सब एकजुट होकर इसका सामना करते हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि दरारों की वजह से हम विश्व की बड़ी चुनौतियों से नहीं निपट पा रहे हैं।

यहां देखें पीएम मोदी का लाइव भाषण

 

– उन्होंने कहा- ‘1997 में चिड़िया ट्वीट करती थी, अब मनुष्य करते हैं। तब अगर अमेजन इंटरनेट पर डालते थे तो नदियां और जंगल की तस्वीर आती थी।’

– मोदी ने स्पीच की शुरुआत नमस्कार से की। उन्होंने कहा 1997 में भारत का जीडीपी 400 बिलियन डॉलर से कुछ अधिक था। दो दशकों के बाद यह लगभग 6 गुना हो चुका है। उस वर्ष इस फोरम का विषय था, बिल्डिंग द नेवरहुड सोसायटी।

– पीएम ने कहा कि 1997 में जब देवगौड़ा आए थे तो उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था महज 400 बिलियन डॉलर थी। मोदी ने कहा कि 1997 में बहुत कम लोगों ने हैरी पॉटर के बारे में सुना था। गूगल ने दुनिया में दस्तक नहीं दी थी। 1997 में आर्थिक संकटों के बारे में पता नहीं था। मोदी ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि जो डेटा को काबू में रखेगा, वही भविष्य पर अपना वर्चस्व बनाएगा। मोदी ने कहा कि यह दरारों से भरी दुनिया में साझेदारी का वक्त है।

– इससे पहले उन्होंने मंगलवार को दावोस में टॉप कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की। टॉप ग्लोबल कंपनियों के करीब 40 सीईओ के साथ पीएम मोदी ने राउंड टेबल बैठक की और उन्हें भारत में मौजूद व्यापार के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सभी सीईओ को बताया कि भारत का मतलब बिजनेस है। इसके साथ ही उन्होंने भारत के विकास की कहानी भी बताई।

– विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पीएम की इस मीटिंग के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘सभी बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ पीएम ने राउंड टेबल बैठक की। इस मीटिंग में उन्होंने भारत की प्रगति और विकास की कहानी बताई। साथ ही भारत में मौजूद व्यापार के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी।’

– केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी की मौजूदगी पूरी दुनिया को यह संदेश दे रही है कि भारत अब बिजनेस के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘हम सब लोग ‘न्यू इंडिया 2022′ के लिए काम कर रहे हैं और इस बैठक में इसी के बारे में पूरी दुनिया को जानकारी दी जाएगी।’

– बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में क्रिस्टल अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस फोरम को लेकर शाहरुख ने कहा कि वह इस बात से बेहद खुश हैं कि भारत इस बैठक में शामिल हुआ।

– आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश भी इस फोरम में पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए तकनीक जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘तकनीक की मदद से हम जल्दी विकास करेंगे और गरीबी को दूर कर सकेंगे और यही हमारा मकसद है।’ आचार्य स्मिथ और आचार्य भारद्वाज दावोस में योगा सेशन करेंगे। उनका कहना है कि योगा को ऐसा प्लेटफॉर्म मिलना बहुत ही अच्छी बात है।

– आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘इस बार का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम इंडिया का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम है। पीएम दावोस में इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, यह बहुत अच्छी बात है।’

– विश्व आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी ने सोमवार को स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से भी मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘दावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की तथा इसे और मजबूत बनाने पर चर्चा की।’

– स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि वह भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे। इसके अलावा नरेंद्र मोदी स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ भी बैठक करेंगे।

– रवीश कुमार ने बर्सेट और पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने कहा कि ‘पीएम मोदी ने बर्फबारी के बीच स्विस राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच लोकतंत्र और विविधता के साझा मूल्यों पर बने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के कदमों पर रचनात्मक बातचीत हुई।’

– दावोस के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हालिया वर्षों में विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा था, ‘‘दावोस में, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंध के लिए अपने विजन को साझा करने की आशा करता हूं।’’

– वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 48वीं सालाना बैठक में राजनीति, कारोबार, कला, अकादमिक और सिविल सोसायटी से विश्व के 3,000 से भी अधिक नेता भाग ले रहे हैं। इसमें भारत से 130 से भी अधिक लोग भाग ले रहे हैं।

– वर्ष 1997 में एच डी देवगौडा की यात्रा के बाद करीब 20 वर्षों में दावोस बैठक में शामिल होने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

 

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