असदुद्दीन ओवैसी बोले- तीन तलाक विधेयक मुस्लिम पुरुषों को सजा देने की है एक चाल
आॅल इंडिया मजिलस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि तीन तलाक विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ एक साजिश है और समुदाय के पुरुषों को दंडित करने की एक चाल है। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘पद्मावत’ फिल्म से जुड़े विवाद के मामले पर संसद की एक समिति ने विचार किया था लेकिन तीन तलाक के मुद्दे को लेकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने सोमवार रात एक जनसभा में कहा, ‘‘तीन तलाक विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है। यह समुदाय की महिलाओं को सड़कों पर लाने और पुरुषों को जेल भेजने की एक चाल है।’’
ओवैसी ने हालांकि कहा कि मुस्लिम समुदाय को उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए जो तलाक के लिए तीन तलाक का सहारा लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए कुछ नहीं कर रहे लेकिन दूसरों द्वारा किए जाने वाले अच्छे काम का श्रेय लेने में हमेशा आगे रहते हैं। सांसद ने कहा, ‘‘भाजपा मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है और ऐसा होगा नहीं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वी डी सावरकर की विचारधारा थोपने की कोशिश कर रही है।
ओवैसी ने कहा, ‘‘एम एस गोवलकर, के बी हेडगेवार और सावरकर हिंदुत्व विचारधारा के थे और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।’’ बता दें कि कुछ दिनों पहले बॉलीवुड की विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ को बकवास बताते हुए ओवैसी ने मुस्लिमों से कहा था कि वह इसे देखने पर समय बर्बाद न करें। ओवैसी ने वारंगल जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘फिल्म देखने न जाएं। ईश्वर ने आपको दो घंटे की फिल्म देखने के लिए नहीं बनाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) ने उस फिल्म के लिए 12 सदस्यों की एक समिति गठित की.. (लेकिन) किसी ने भी हमारे खिलाफ कानून (तीन तलाक खत्म करने) बनाते वक्त हमसे राय-मश्विरा नहीं किया।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘फिल्म बहुत बुरी और बकवास है..मुस्लिम समुदाय को राजपूतों से सीखना चाहिए जो फिल्म को रिलीज नहीं होने देने के लिए एकजुट हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने गुजरात एवं राजस्थान द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर लगाई रोक को हटाते हुए पद्मावत को 25 जनवरी को पूरे भारत में रिलीज करने की इजाजत दे दी थी।