बीजेपी के लिए नया सिरदर्द? AAP के आशुतोष, कांग्रेस के मनीष तिवारी संग राष्ट्रीय मंच बनाएंगे यशवंत सिन्हा
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रीय मंच बनाने की तैयारी की है। इस मंच से कई राजनीतिक दलों के नेता जुड़ेंगे। खासकर ऐसा नेता, जो हाशिए पर हैं और उन्हें अपनी ही पार्टी में उचित तवज्जो नहीं मिल पा रही है। सिन्हा का यह कदम भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकता है, वजह कि लोकसभा चुनाव में महज 16 महीने बचे हैं, ऐसे संवेदनशील समय में सिन्हा मोदी विरोधियों को ऐसा मंच मुहैया कराने जा रहे, जिसके जरिए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर वार होंगे। मंच गठन के पीछे मकसद है कि नेताओं को ऐसा प्लेटफॉर्म दिया जाना, जिससे वे ऐसी बातें भी खुलकर कह सकें, जो पार्टी के प्लेटफॉर्म पर नहीं कह सकते।
इस नेशनल फोरम को ‘राष्ट्रीय मंच’ नाम दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस फोरम से कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और आशीष खेतान, जदयू नेता पवन वर्मा, सपा के घनश्याम तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और एनसीपी के मजीद मेमन आदि जुड़ेंगे। इसके अलावा सामाजिक और किसान संगठनों के बड़े चेहरों को भी जोड़ने की तैयारी है। नीतीश कुमार की पार्टी के पवन वर्मा मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं। हाल में आम आदमी पार्टी की ओर से तीन लोगों को राज्यसभा भेजा गया। इसमें कांग्रेस छोड़कर कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल व्यक्ति को राज्यसभा भेजे जाने पर सवाल उठे थे तो आशुतोष बड़ी मुश्किल से बचाव कर पाए थे। माना जा रहा है कि पत्रकारिता छोड़कर केजरीवाल के साथ जुड़ने वाले आशुतोष भी हाल-फिलहाल पार्टी में असहज हैं। मंच के गठन के लिए महात्मा गांधी की 70 वीं पुण्यतिथि के मौके 30 जनवरी को चुना गया है।
बताया जा रहा है कि इस मंच के जरिए राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दी जाएगी। ताकि केंद्र सरकार की नीतियों की समीक्षा कर जनता को उसके सही और गलत पहलुओं से रूबरू कराया जाए। पिछले कुछ समय से यशवंत सिन्हा बागी रुख अपनाए हुए हैं। चूंकि वित्त मंत्री के तौर पर काम का अनुभव हैं, इस नाते माना जा रहा है कि वे मंच के जरिए देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।
बजट सत्र की पूर्व संध्या पर लांच हो रहा यह नेशनल फोरम सरकार के खिलाफ बड़ा मंच बन सकता है। खास बात है कि राष्ट्रीय मंच से जुड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़नी पड़ेगी। इस मंच के जरिए लोग खुलकर अपने मन की बात कर सकेंगे। मंच से शुरुआती तौर पर जुड़ रहे लोगों का कहना है कि इसे आगे राजनीतिक दल में तब्दील करने का कोई इरादा नहीं है।