26/11 के आतंकी हाफिज सईद को लाहौर हाई कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक
लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार को अगले आदेश तक 2008 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सईद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध कमेटी की निगरानी टीम के दौरे के पहले जमात उद दावा (जेयूडी) और फलाह ए इंसानियनत फाउंडेशन (एफआईएफ) के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी से बचाव के लिए अदालत का रुख किया था। टीम विश्व निकाय की पाबंदियों की तामील को लेकर गुरुवार से इस्लामाबाद का दौरा करेगी। अपनी याचिका में उसने कहा है कि सरकार अमेरिका और भारत के इशारे पर उसे गिरफ्तार करना चाहती है और यह लॉबी पिछले कई साल से साबित करने की ताक में है कि मुंबई हमले में वह संलिप्त था।
न्यायमूर्ति अमीन अमिनुद्दीन खान ने सईद की याचिका पर सुनवाई की और सरकार को उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल कदम उठाने से रोक दिया है। अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘लाहौर उच्च न्यायालय ने जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद की याचिका मंजूर कर ली और अगले आदेश तक उसकी गिरफ्तारी से संघीय सरकार को रोक दिया।’’ उन्होंने कहा कि अदालत ने सरकार को 17 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है
वहीं दूसरी तरफ, अमेरिका ने भारतीय मूल के इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी सिद्धार्थ धर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। माना जाता है कि धर ने संगठन के खूंखार आतंकवादी मोहम्मद एमवाजी की जगह ली है। इस्लाम धर्म अपनाने वाला ब्रिटिश हिन्दू धर अब अबू रुमायसाह के नाम से जाना जाता है। धर ब्रिटेन में पुलिस जमानत से फरार होकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 2014 में सीरिया चला गया था।
विदेश विभाग ने कहा कि माना जाता है कि वह जनवरी 2016 में आईएसआईएस के उस वीडियो में नकाबपोश आतंकी था जिसमें ब्रिटेन के लिए जासूसी के आरोपी कई कैदियों की जान ली गई थी। अमेरिका ने धर के साथ बेल्जियम-मोरक्को नागरिक अब्देलतीफ गाइनी को भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अमेरिका ने आईएसआईएस के दो सदस्यों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया और उन पर अमेरिकी नागरिकों या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक आतंकवादी कृत्यों का जोखिम पैदा करने या इनको अंजाम देने पर प्रतिबंध लगाया गया।