अमरनाथ यात्रा के 52 तीर्थ यात्रियों की जान बचाने वाले बस चालक सलीम को मिला वीरता का दूसरा सर्वोच्च सम्मान

अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले का बहादुरी से सामना कर अपनी सूझबूझ से 52 तीर्थ यात्रियों की जान बचाने वाले गुजराती बस चालक शेख सलीम गफूर को ‘उत्तम जीवन रक्षा पदक’ से सम्मानित किया गया है, जो वीरता के लिए नागरिकों को दिए जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान है। गणतंत्र दिवस से पहले गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। ‘सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक’ वीरता के लिए नागरिकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गफूर को इस सम्मान के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि 10 जुलाई, 2017 को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, इसके बावजूद बस चालक गफूर ने बस चलाना जारी रखकर असाधारण साहस और बहादुरी का परिचय दिया था। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बातेंगू के नजदीक आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, तब बस के चालक गफूर ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी।

मालूम हो कि उस घटना में सात तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और 14 अन्य घायल हो गए थे। पुरस्कार के अलावा बाद में, गफूर को एक विशेष समारोह में एक लाख रुपए की नकद राशि भी प्रदान की जाएगी। पुलिस कर्मियों को इस वर्ष कुल 107 पुलिस वीरता पदक दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ, भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध की जोरदार वकालत करते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को एक-दूसरे से लड़ने के बजाय गरीबी से मिलकर लड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह का पालन करना चाहिए।

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