पद्मावत के विरोध में दिग्विजय सिंह, कहा- धर्म या जाति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली फिल्में नहीं बननी चाहिए

लंबे विवाद और विरोध के बाद आखिरकार फिल्म पद्मावत गुरुवार (25 जनवरी) को रिलीज हो ही गई। लेकिन विवादों से फिल्म का वास्ता खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी के नेता अभी भी कह रहे हैं कि अगर कोई फिल्म जाति और धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है तो उसे नहीं बनायी जानी चाहिए। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने आश्चर्यजनक रूप से फिल्म पद्मावत के विरोध में बयान दिया है। नर्मदा यात्रा कर रहे एमपी के पूर्व सीएम ने कहा कि तथ्यों से हटकर इतिहास को नहीं परोसा जाना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘अगर किसी फिल्म से किसी भी धर्म और जाति की भावनाओं को ठेस पहुंचती है तो ऐसी फिल्में नहीं बननी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ वाली फिल्में नहीं बननी चाहिए। बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यन स्वामी ने भी इस फिल्म का विरोध किया है। स्वामी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि यह फिल्म पुराने जख्मों को कुरेदती है इसलिए इसे नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस फिल्म का ऐतिहासिक वैल्यू क्या है? वो कहते हैं कि इसका इतिहास से कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर आप इसे क्यों बना रहे हैं? राहुल गांधी इस मुद्दे पर कोई स्टैंड क्यों नहीं ले रहे हैं?’

 

 इससे पहले आज केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह ने भी इस फिल्म से असहमति जताई। वीके सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतिहास को तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं देती है। तो जो विरोध कर रहे हैं उनके साथ बैठ के इसको सुलझाया जाए। जब चीजें सहमति से नहीं होती हैं तो फिर उसमें गड़बड़ होती है।’ बता दें कि राजपूत करणी सेना फिल्म पद्मावत का जबर्दस्त विरोध कर रही है। करणी सेना ने फिल्म में महारानी पद्मावती के चरित्र को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। करणी सेना आज भी जयपुर में विरोध कर रही है। करणी सेना के विरोध की वजह से चित्तौडगढ़, पटना के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में भी फिल्म नहीं रिलीज हो पाई है।

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