गणतंत्र दिवस 2018 परेड: राजपथ पर पहली बार कब हुई थी परेड, जानें और भी रोचक तथ्य
Republic Day 2018 Parade: गणतंत्र दिवस पर देश भर के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र राजपथ पर होने वाली परेड होती है। गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 में राजपथ पर हुई थी। लेकिन इंटरनेट खंगालने पर 1963 की गणतंत्र दिवस परेड का एक दुर्लभ वीडियो हाथ लगा है। इसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्ण दिखाई देते हैं। यह वीडियो ‘एपिक वर्ल्ड’ नाम के यूट्यूब पेज पर शेयर किया गया है। राजपथ पर होने वाली परेड का सीधा प्रसारण तो देशवासी टीवी पर देखते ही हैं, लेकिन साक्षात इसे देखने और महसूस करने का मजा ही कुछ और होता है। गणतंत्र दिवस की परेड के बारे में ये जरूरी बातें आपकी दिलचस्पी बढ़ाने के साथ-साथ निश्चित तौर पर ज्ञान में भी बढ़ोतरी करेंगी। दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के समाधियों पर श्रद्धांजलि के पुष्प अर्पण करके करते हैं।
देखें- 1963 की गणतंत्र दिवस परेड का दुर्लभ वीडियो: प्रधान मंत्री अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इसके बाद राजपथ पर लोगों की निगाहें राष्ट्रपति के काफिले पर होती हैं। राष्ट्रपति के काफिले में शामिल मध्यम गति से चलते घुड़सवार लोगों के लिए बड़े आकर्षण होते हैं। राष्ट्रपति के झंडा फहराते ही 21 तोपों की सलामी होती है और फिर वीरता पुरस्कार बांटे जाते हैं। गणतंत्र दिवस परेड, वीरता पुरस्कार और राष्ट्रपति को सलामी देने की कमान दिल्ली के जनरल ऑफिसर कमांडिंग संभालते हैं। इसके बाद जल, थल और आकाश में भारत की ताकत का अहसास कराती झांकियां राजपथ से गुजरती है। इनमें भारतीय सेना की सबसे ताकतवर मिसाइल और टैंक तकनीक का प्रदर्शन होता है।
वायुसेना के लड़ाकू विमान फूल बरसाते हुए राजपथ के ऊपर से उड़ान भरते हैं। सेना के साथ सशस्त्र बलों की झांकियां भी निकलती हैं। देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को दर्शाती झांकियां सभी का मन मोह लेती है। स्कूली बच्चे राजपथ में देशभक्ति के गानों पर कार्यक्रम पेश करते हैं साथ ही राष्ट्रपति से पुरस्कार पाने वाले बहादुर बच्चे भी राजपथ से होकर गुजरते हैं। भारतीय वायुसेना के जवानों के मोटरसाइकिल पर स्टंट रोंगटे खड़े करने वाले होते हैं।