केरल: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस पर स्‍कूल में फहराया तिरंगा

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पलक्‍कड़ के एक स्‍कूल में तिरंगा फहराया। वाम मोर्चे की सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकारी विभागों, शिक्षण संस्‍थानों और अन्‍य सरकारी प्रतिष्‍ठानों में सिर्फ वहां के प्रमुखों द्वारा ही झंडा फहराने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद आरएसएस प्रमुख शुक्रवार (26 जनवरी) को व्‍यास विद्यापीठ स्‍कूल पहुंचे थे। मोहन भागवत और भाजपा के अन्‍य नेताओं की मौजूदगी में सुबह साढ़े नौ बजे झंडारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। आरएसएस प्रमुख इसके लिए 25 जनवरी को ही व्‍यास विद्यापीठ स्‍कूल पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि यहां आरएसएस का तीन दिवसीय कार्यक्रम होगा, जिसमें संघ प्रमुख भी शिरकत करेंगे। आरएसएस ने बताया कि यह एक स्‍कूल सीबीएसई के अंतर्गत आता है जो राज्‍य सरकार के अधीन नहीं है। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस स्‍कूल का प्रबंधन संघ ही करता है।

जानकारी के मुताबिक, झंडारोहण कार्यक्रम में भाजपा के केरल प्रमुख कुम्‍मानम राजशेखरन भी मौजूद थे। आरएसएस ने दलील दी है कि व्‍यास विद्यापीठ सीबीएसई के तहत आता है, ऐसे में केरल सरकार का सर्कुलर इस पर लागू नहीं होता है। मालूम हो कि मोहन भागवत ने पिछले साल स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर पलक्‍कड़ जिले के ही कर्नाकयम्‍मन हाई स्‍कूल में झंडारेाहण किया था। इसके बाद राज्‍य सरकार के निर्देशों की अवहेलना को लेकर काफी विवाद हुआ था। मुख्‍यमंत्री पिनरई विजयन ने दिसंबर, 2017 में स्‍कूल के प्रबंधक और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। पलक्‍कड़ के कलेक्‍टर ने स्‍कूल के खिलाफ नोटिस जारी किया था।

 केरल सरकार ने 17 जनवरी को सभी सरकारी विभागों और संस्‍थानों के लिए सर्कुलर जारी किया था। इसमें वहां के प्रमुखों द्वारा ही तिरंगा फहराने का स्‍पष्‍ट निर्देश दिया गया था। भाजपा ने राज्‍य सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी। भाजपा प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने इस फैसले को मूर्खतापूर्ण करार दिया था। ऐसे में मोहन भागवत द्वारा पलक्‍कड़ में एक बार फिर से तिरंगा फहराने से विवाद बढ़ सकता है। मालूम हो कि केरल में भाजपा-आरएसएस और वामपंथी पार्टियों के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही है। टकराव में आरएसएस और वाम दलों के कई कार्यकर्ताओं की जान जा चुकी है।

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