सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से मतभेद को प्रकाश करात ने नकारा, बोले- यह आंतरिक लोकतंत्र है

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के मुद्दे पर पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के साथ मतभेदों की बात को नकारते हुये कहा कि विचारों में भिन्नता पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाती है। करात ने येचुरी के साथ मतभेदों के बारे में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के बारे में आज कहा कि उन दोनों के बीच ‘राजनीतिक विचारों की भिन्नता’ को मीडिया में ‘निजी टकराव’ और ‘मतभेद’ के रूप में दिखाया गया है। करात ने हालांकि येचुरी का नाम लिये बिना कहा ‘‘जिन्होंने पार्टी के सामूहिक फैसले का उल्लंघन किया उन्हें गुटबाज माना जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी में समिति के भीतर किसी राजनीतिक प्रश्न पर बहुमत या अल्पमत के नजरिये को दो गुटों की सीमारेखा के रूप में नहीं देखा जा सकता है।

करात ने आज पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय लेख में यह बात कही। उनका यह लेख हाल ही में कोलकाता में आयोजित माकपा केन्द्रीय समिति की उस बैठक के कुछ दिन बाद प्रकाशित हुआ है जिसमें अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा से निपटने के लिये माकपा के कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के येचुरी के प्रस्ताव को बहुमत से खारिज कर दिया गया था।

करात ने बैठक में इस प्रस्ताव का विरोध किया था। करात ने लेख में माकपा के संविधान का हवाला देते हुये कहा कि पार्टी में गुटबाजी पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हालांकि उन्होंने पार्टी में टकराव और टूट की आशंका जताने वाली मीडिया रिपोर्टों को भी गलत बताते हुये इस तरह की मीडिया खबरों को मीडियार्किमयों की माकपा की कार्यशैली से अनभिज्ञता का परिणाम बताया।

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