यूपी के कासगंज में फिर भड़की हिंसा, मृतक के अंतिम संस्कार के बाद दुकानों को जलाया

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की लपटें शांत होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को दो समुदायों के बीच पत्थरबाजी और गोलीबारी में जान गंवाने वाले 22 वर्षीय चंदन गुप्ता का कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार (27 जनवरी) को अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन इसके बाद फिर से कुछ दुकानों में आग लगा दी गई। इलाके में पुलिस बल के अलावा आएएफ और पीएसी तैनात होने और कर्फ्यू घोषित होने के बाद ये स्थिति बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक चंदन गुप्ता के परिवार से संवेदना जताई है और शोक जाहिर करते हुए प्रशासन से परिवार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने इस इस मामले में शामिल तमाम अराजक तत्वों से कड़ाई से निपटने के भी निर्देश दिए हैं। इलाके में तनाव बना हुआ है, पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ हो रही है।

बता दें कि शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर बिलराम गेट इलाके से गुजर रही तिरंगा यात्रा उस वक्त हिंसक टकराव में तब्दील हो गई जब दो सामुदायों के बीच नारेबाजी को झड़प हुई। तिरंगा यात्रा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के लोगों ने निकाली थी। झड़प होने के बाद पत्थर और गोलियां चलीं। वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। कई लोग घायल हुए और चंदन गुप्ता की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। एक और शख्स को गोली लगने की बात बताई जा रही है। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया था कि कोई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और जांच पूरी होने पर मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रावाई होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाके में भारी तनाव को देखते हुए प्रशासन के कई अधिकारी भी गश्त कर रहे हैं। इनमें अलीगढ़ मंडल के मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, अलीगढ़ मंडल के आईजी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद, कासगंज के डीएम आरपी सिंह और कासगंज के एसपी सुनील कुमार सिंह शामिल हैं।

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