साल के पहले मन की बात कार्यक्रम मे PM मोदी ने दिया नारी सशक्तिकरण पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 जनवरी) को अपना साल का पहला मन की बात कार्यक्रम किया। आकाशवाणी पर उन्होंने इसमें नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए महिलाओं की शक्ति की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार। यह साल की पहली मन की बात है। दो दिन पहले हमने गणतंत्र दिवस को बेहद उत्साह के साथ मनाया। पहली बार हमारे साथ इस कार्यक्रम में 10 देशों के मुखिया भी उपस्थित रहे।” पीएम ने आगे कहा, आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, लेकिन सदिया पहले हमारे शास्त्रों में स्कंद पुराण में कहा गया है- दशपुत्र, समाकन्या, दशपुत्रान प्रवर्धयन्। यत् फलं लभर्तेर्म्य, तत् लभ्यं कन्यकैकया।। यानी एक बेटी दस बेटों के बराबर है। दस बेटों से जितना पुण्य मिलेगा एक बेटी से उतना ही पुण्य मिलेगा। बकौल मोदी, “हर क्षेत्र में हमारी नारी शक्तियों ने समाज की रुढ़िवादिता को तोड़े हुए असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं और नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।”

मोदी ने इसके बाद प्रकाश त्रिपाठी की चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें भारत की पहली महिला अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि (एक फरवरी) के बारे में कहा गया था। पीएम ने कहा कि चावला ने बहुत सारे लोगों को प्रेरणा दी है।

पीएम के मुताबिक, “चाहे वैदिक काल की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो। चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है।” पीएम के मुताबिक, “चाहे वैदिक काल की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो। चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है।”

पीएम ने अपने संबोधन में आगे एक रेलवे स्टेशन का जिक्र भी किया। कहा, “मुंबई का माटुंगा स्टेशन देश का ऐसा पहला स्टेशन है, जहां सारी महिला कर्मचारी हैं।”

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की महिलाओं की तारीफ के पुल बांधते हुए मोदी बोले, “यह माओवादी इलाका है, मगर यहां की महिलाएं ई-रिक्शा चलाती हैं। ऐसे में वहां पर अवसर पैदा हो रहे हैं। साथ ही इससे क्षेत्र की तस्वीर भी बदल रही है और माहौल भी अच्छा हो रहा है।” नारी सशक्तीकरण के बाद पीएम ने पद्म श्री पुरस्कार विजेता अरविंद गुप्ता की चर्चा की। कहा, “उन्होंने (गुप्ता) ने अपना सारा जीवन कबाड़ से खिलौने बनाने में गुजार दिया। हमने उन लोगों का सम्मान किया है, जो बड़े शहरों से नहीं हैं लेकिन उन लोगों ने देश के लिए बेहद अच्छा काम किया है।

नारी सशक्तीकरण के बाद पीएम ने पद्म श्री पुरस्कार विजेता अरविंद गुप्ता की चर्चा की। कहा, “उन्होंने (गुप्ता) ने अपना सारा जीवन कबाड़ से खिलौने बनाने में गुजार दिया। हमने उन लोगों का सम्मान किया है, जो बड़े शहरों से नहीं हैं लेकिन उन लोगों ने देश के लिए बेहद अच्छा काम किया है।

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