…तो आपका नाम अरविंद केजरीवाल नहीं, अरविंद खान होता, देखें बीजेपी प्रवक्ता ने कैसे साधा दिल्ली के सीएम पर निशाना
आम आदमी पार्टी (एएपी) की तरफ से दिल्ली विधानसभा में टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने जोरदार विरोध किया है। उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा प्रवक्ता बग्गा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर देश के लिए शहीद होने वाले वीरों का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में उस व्यक्ति की तस्वीर लगवाई है जिसने हजारों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने बाबर और औरंगजेब की परम्मपरा से आने वाले टीपू सुल्तान की तस्वीर विधानसभा में लगवाकर शहीदों का अपमान किया है।
वीडियो में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने आगे कहा, ‘क्या दिल्ली की धरती पर शहीद होने वाले तेगबहादुर की तरफ केजरीवाल का ध्यान नहीं गया, जिन्होंने हिंदू धर्म को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया।’ उन्होंने कहा कि अगर देश के लिए गुरु तेगबहादुर जैसे बहादुर बलिदान नहीं तो केजरीवाल नाम अरविंद केजरीवाल नहीं अरविंद खान होता।
दूसरी तरफ दिल्ली के विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने भी केजरीवाल सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि टीपू सुल्तान एक तानाशाह था, जिसने अपनी मर्जी अनुसार जबरन लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया। सिरसा ने एक बयान में कहा कि टीपू सुल्तान ने खुद यह बात मानी थी कि उसने 400 हजार हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे सांप्रदायिक व्यक्ति की तस्वीर विधानसभा में लगाने का ‘आप’ सरकार का फैसला बिल्कुल ही तर्कहीन है। सिरसा ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि वह ऐसी तस्वीर तुरंत हटाए जाने का हुक्म दें, नहीं तो वह खुद इसको हटाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी अपील की कि वह लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद करें।
दिल्ली के विधायक ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि यदि वह महान शख्सियतों की तस्वीर ही लगाना चाहते हैं तो फिर जस्सा सिंह अहलूवालिया की तस्वीर लगाएं, जिन्होंने सबसे पहले दिल्ली फतह की थी। उन्होंने कहा कि जस्सा सिंह ने मुगल शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और मुगलों पर पहली जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि सिर्फ जीत ही नहीं, बल्कि जस्सा सिंह ने अहमद शाह अब्दाली की तरफ से अफगानिस्तान में गुलाम बनाने के लिए ले जाई जा रहीं 2,200 भारतीय महिलाओं को भी मुक्त करवाया था।