डाकघर में एक चौकीदार ने जब की लूट का विरोध तो उसके भतीजे ने साथियों के साथ मिलकर कर दी हत्या
रोहिणी सेक्टर-7 के जिला डाकघर में एक चौकीदार की हत्या का मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि इस वारदात को 26 जनवरी के दिन अंजाम दिया गया। शनिवार सुबह सात बजे जब डाकघर के अन्य कर्मचारी पार्सल लेने पहुंचे, तो घटना का पता चला। उन्होंने इसकी जानकारी कुछ दूरी पर रहने वाले चौकीदार के परिजनों को दी, जिसके बाद वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस चौकीदार सुशील कुमार (59) को अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिला पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता ने बताया कि हत्या के आरोप में चौकीदार के नाबालिग भतीजे को पकड़ लिया गया है। फिलहाल उससे पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है।
चौकीदार की बेटी रितु ने बताया कि शुक्रवार शाम को वह रोजाना की तरह ड्यूटी पर गए थे। शनिवार सुबह घटना की जानकारी परिजनों को मिली। सुशील डाकघर से कुछ ही दूरी पर रहते थे। उसने बताया कि सुशील के हाथ-पैर बंधे हुए थे, उनके मुंह पर टेप लगा था और सिर पर चोट के निशान भी थे। इस आधार पर माना जा रहा है कि लूटपाट का विरोध करने पर बदमाशों ने हमला किया होगा। शुरुआती छानबीन में पुलिस को पता चला है कि बदमाश कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और अन्य महंगे सामानों पर हाथ साफ कर फरार हो गए हैं।
नकदी व हार्ड डिस्क जब्त
उपायुक्त ने बताया कि वारदात की सूचना मिलने पर रोहिणी उत्तरी थाना पुलिस की कई टीमें बनाई गर्इं। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि घटना के पीछे मृतक के भतीजे का हाथ हो सकता है। सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने 20 हजार रुपए, हार्ड डिस्क, एक मोबाइल और वह हथियार जब्त कर लिया गया है, जिसकी मदद से वारदात को अंजाम दिया गया था। चौकीदार सुशील कुमार फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
डाकघर के चप्पे-चप्पे से वाकिफ था आरोपी
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 26 जनवरी की रात 10:30 बजे वह बैट लेकर डाकघर में घुसा था। वह लॉकर तोड़कर वहां रखी नकदी पर हाथ साफ करना चाहता था, लेकिन तभी उसकी नजर सुशील पर पड़ गई। सुशील ने उसे ऐसा करने से रोका तो उसने सिर पर बैट मार उन्हें घायल कर दिया और लूटपाट कर फरार हो गया। आरोपी को डाकघर के कोने-कोने की जानकारी थी। उसे यह भी पता था कि डाकघर में लॉकर कहां रखा है? फिलहाल पुलिस इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रही है कि आरोपी अकेला था या उसके साथ कोई और भी शामिल था।
सेवानिवृत्ति की तैयारी में जुटे थे सुशील
रोहिणी डाकघर में कार्यरत चौकीदार सुशील कुमार कुछ ही दिनों बाद फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले थे। इसको लेकर वह जोर-शोर से तैयारियों में लगे हुए थे। सुशील ने कार्ड छपवाने के लिए ऑर्डर भी दे दिया था। साथ ही वह दर्जी को नए कपड़े सिलने के लिए भी देने वाले थे। उनकी बेटी रितु ने बताया कि कार्ड छप कर आने के बाद वे अपने जानकारों व सहयोगियों को कार्ड बांटने की तैयारी में जुटे हुए थे। रितु ने यह भी बताया कि उनके पिता पिछले एक दशक इस डाकघर में तैनात थे। उनकी ड्यूटी अक्सर रात की पाली में ही होती थी, जिसके कारण वह परेशान भी रहते थे। उन्होंने इस बारे में कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की थी। 26 जनवरी को भी उनकी रात की ही ड्यूटी थी। परिजनों ने बताया कि वह हर दिन सुबह सात बजे आ जाते थे, लेकिन शुक्रवार को नहीं आए थे क्योंकि उनकी ड्यूटी डबल शिफ्ट में लगा दी गई थी। उनकी पत्नी सुशीला ने बताया कि वे चौकीदारी करने के साथ-साथ डाकघर के पार्सल की लोडिंग और अनलोडिंग का काम भी किया करते थे। हालांकि, उनकी तैनाती डाकघर में मल्टी टास्क स्टाफ के रूप में की गई थी।
सुशील की बेटी रितु ने बताया कि 16 फरवरी को उनके पिता का जन्मदिन है। उस दिन वह 60 साल के हो जाते। साथ ही 28 फरवरी को वह सेनानिवृत्त भी होने वाले थे। सुशील अपने परिजनों के कहते थे कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह रात की नींद पूरी करेंगे। पिछले एक दशक से रात की शिफ्ट में नौकरी करने की वजह से वे ठीक से सो तक नहीं पाते थे। अधिकारियों ने दिया मदद का भरोसा डाकघर के अधिकारी इस वारदात की जानकारी मिलने के बाद दुखी परिजनों से मिलने के लिए सुशील के घर पहुंचे थे। अधिकारी ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। सुशील के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।