शोपियां में गोलीबारी पर सैनिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शोपियां जिले में शनिवार को हुई गोलीबारी के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में सैन्यकर्मियों को नामजद किया है। शोपियां के गनोवपुरा में सेना की कथित गोलीबारी में दो युवकों की मौत हो गई थी और नौ अन्य घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई थी जब पथराव कर रही भीड़ ने काफिले को निशाना बनाया।  पुलिस ने बताया कि सैन्यकर्मी सेना की 10 गढ़वाल इकाई के हैं और प्राथमिकी में एक मेजर रैंक के अधिकारी का नाम भी शामिल है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामला आइपीसी की धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दर्ज किया गया है। महबूबा मुफ्ती नीत राज्य सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 20 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है। वहीं, रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की।

दूसरी ओर, घटना के विरोध में अलगाववादियों की हड़ताल से रविवार को जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर श्रीनगर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाया गया है और चार जिलों मे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारत रहे। हालांकि शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में निजी कारें सड़कों पर दिखीं।  अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुई 35 वर्षीय एक महिला की रविवार को मौत हो गई।  इसके साथ ही 18 जनवरी से सीमा पार से हो रही गोलाबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई। जम्मू में काना चक की बिमला देवी 22 जनवरी को पर पाकिस्तानी गोलाबारी में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उनका यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनकी रविवार सुबह मौत हो गई और पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी और मनकोट सेक्टर को छोड़कर शनिवार शाम से पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की और कहीं से खबर नहीं है। इससे पहले, जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा और राजौरी व पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर 18 से 22 जनवरी के बीच पाकिस्तान द्वारा की गई सघन गोलाबारी में छह सुरक्षाकर्मी और सात असैनिक मारे गए और 70 अन्य घायल हुए हैं। पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी और गोलाबारी से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।

 

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