राष्ट्रपति से खुश नहीं हैं भाजपा के कुछ नेता, ये है वजह
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कुछ बीजेपी नेता खुश नहीं है। इन नेताओं ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन भी दिया था। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बीजेपी नेता इस बात से दुखी हैं क्यों कि राष्ट्रपति ने उन्हें गणतंत्र दिवस की दावत में नहीं बुलाया था। इनमें से कुछ नेताओं का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक की दावत में वे बुलाए गए थे, लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की गणतंत्र दिवस की दावत में उन्हें नहीं बुलाया गया। सूत्रों के मुताबिक नेता इसलिए उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले टीपू सुल्तान के मुद्दे पर राष्ट्रपति और बीजेपी नेताओं की राय अलग-अलग नजर आई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले वर्ष 25 अक्टूबर को कर्नाटक विधानसभा को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने टीपू सुल्तान को अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ते हुए प्राणों की आहूति देने वाला शहीद बताया था। राष्ट्रपति ने कहा था कि टीपू सुल्तान ने रॉकेट के विकास में अहम योगदान दिया था और जंग के दौरान उनका बेहतरीन इस्तेमाल भी किया था।
राष्ट्रपति मैसूर में कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को 60वीं वर्षगांठ पर संबोधित कर रहे थे। लेकिन बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपति से अलग अपनी राय रखी थी। उन्होंने टीपू सुल्तान को हत्याया बताया था। इससे पहले टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर एक केंद्रीय मंत्री ने उन्हें ‘मास रेपिस्ट’ की संज्ञा से दी थी, तब बवाल हो गया था। केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कार्यक्रम में शामिल न होने की बात कही थी और कर्नाटक सरकार के अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए कहा था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अनंत कुमार हेगड़े के इस बयान की आलोचना की थी। उन्होंने बताया था कि टीपू सुल्तान जयंती कार्यक्रम में राज्य के सभी मंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्य लोगों को पत्र भेजा जाता है, समारोह में शामिल होना या न होना उनकी मर्जी है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ टीपू सुल्तान ने चार युद्ध लड़े थे। टीपू सुल्तान की जयंती 10 नवंबर को होती है। कर्नाटक सरकार 2015 से टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है।