Economic Survey 2018: आर्थिक सर्वे संसद में पेश, विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद
Economic Survey 2018 India: राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद में आज (29 जनवरी) से बजट सत्र शुरू हो गया है। बजट सत्र के पहले दिन संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। इसमें सरकार ने विकास दर 7 से 7.50 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.75 फीसदी हो सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई गई है। सरकार का जोर उत्पादन बढ़ाने पर रहेगा। ससंद में आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद भी शेयर मार्केट लगातार ऊपर जा रहा है। शेयर बाजार आर्थिक सर्वे के बाद भी 300 अंक की बढ़ोतरी के साथ 36,350 पॉइंट पर कारोबार कर रहा है।
आर्थिक सर्वे में पब्लिक इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने की बात भी सामने आई है। वहीं सराकार का जोर इस बार पैसे जुटाने पर नहीं बल्कि विकास के लिए पैसे खर्च करने पर होगा। पर्यावरण प्रदूषण पर आर्थिक सर्वे में चिंता जताई गई है। नवंबर 2016 के बाद से 18 लाख नए टैक्सपेयर बने हैं। अप्रत्यक्ष करदाताओं में भी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से अप्रत्यक्ष कर चुकाने वालों की संख्या में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि एक्सपोर्ट में सुधार देखने को मिल सकता है। इस साल चालू खाता घाटा 1.5 से लेकर 2 फीसदी तक रह सकता है। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि में 2.1 फीसदी की ग्रोथ हो सकती है। उधर बजट सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने भी कहा कि सपने पूरे करने वाला बजट लेकर आएंगे।
क्या है इकोनॉमिक सर्वे: आर्थिक सर्वेक्षण अथवा इकोनॉमिक सर्वे पिछले साल बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा तैयार करता है। इससे पता चलता है कि सरकार ने पिछले साल कहां-कहां कितना खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को कितनी सफलतापूर्वक निभाया। इसके साथ ही सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले साल अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रही। सर्वेक्षण के जरिए इकोनॉमी को लेकर कई सुझाव भी सरकार को दिए जाते हैं।