दर्जनों देशों के बाद अमेरिका में भी एटीएम हैक कर निकाला जा रहा कैश, जारी हुआ अलर्ट
किसी के डेबिट कार्ड से दूसरा कार्ड (क्लोन कार्ड) बनाकर खाते से पैसे निकालने के कई मामले सुने होंगे। वहीं एटीएम पर जाकर किसी दूसरे को कार्ड देकर पैसे निकलवाने के बाद खाते से ज्यादा पैसे कटने के कई मामलों के बारे में सुना होगा। दरअसल यह कभी-कभी लापरवाही की वजह से भी होता है। अमेरिका की एक सीक्रेट सर्विस ने बैंकों के लिए अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट खासकर एटीएम मशीन बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों डाइबोल्ड निक्स डॉर्फ और एनसीआर के लिए है। एटीएम मशीन हैक करके इनसे कैश निकाला जा रहा है। ऐसे मामले दर्जनों देशों में सामने आए हैं, लेकिन अब अमेरिका में भी एटीएम मशीन को हैक करके पैसे निकालने पर अलर्ट जारी किया गया है। कंपनियों ने इस तरह कैश निकालने के जैकपॉटिंग कहा है। इसमें हैकर्स अलग अलग तरह के टूल्स का इस्तेमाल करके एटीएम को ऐसी कमांड देते हैं कि मशीन कैश बाहर निकाल देती है। हैकर्स इसके लिए बिना गार्ड वाले एटीएम को निशाना बना रहे हैं। हैकर्स स्टोर्स और फार्मेसी आदि में लगी एटीएम मशीनों को निशाना बना रहे हैं।
जैकपॉटिंग पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में बहुत बढ़ी है। दुनिया भर में जैकपॉटिंग के माध्यम से कितना पैसा निकाला जा चुका है। इसकी कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि न तो जैकपॉटिंग के पीड़ितों ने और न ही पुलिस ने इससे जुड़े डेटा का खुलासा किया है। सुरक्षा समाचार वेबसाइट क्रेब्स ऑन सिक्योरिटी ने इन हमलों की सूचना दी थी, जिसमें कहा गया था कि वे पिछले साल मैक्सिको में शुरू हुए थे।
एटीएम मशीन बनाने वाली कंपनी एनसीआर ने कहा कि अमेरिका में अभी तक जैकपॉटिंग से किसी भी नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। कंपनी ने कहा कि हाल ही में हुए साइबर हमलों में उसकी मशीनों को टारगेट नहीं किया गया था, लेकिन यह एटीएम इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय है। डाइबोल्ड निक्स डॉर्फ ने कहा कि अमेरिका में अधिकारियों ने कंपनी को अलर्ट दिया था कि हैकर्स ने उनकी एक एटीएम मशीन को टारगेट किया है। कंपनी की इस मशीन का यह मॉडल ओपेवा नाम से जाना जाता है। इस मॉडल को कई साल पहले कंपनी ने बनाना बंद कर दिया है।