डीएम ने विस्तार से बताया क्या हुआ था कासगंज में, बोले- गोली चलाने के आरोपी सलीम को खोज रहे हैं
यूपी के कासगंज में हुई हिंसा के मामले में पुलिस अभी तक कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम रही है। हिंसा में मारे गए चंदन पर गोली चलाने वाले शख्स की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। डीएम आरपी सिंह ने एक न्यूज चैनल पर विस्तार से बताया कि पूरी घटना कैसे हुई थी। डीएम के मुताबिक, चंदन कुछ लोगों के साथ मोटरसाइकिलों में तिरंगा बांधकर शहर की परिक्रमा कर रहा था। बताया जा रहा है कि वदुनगर मोहल्ले में पहले से दूसरे समुदाय के कुछ लोग मौजूद थे। यहां ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम चल रहे थे कि तभी चंदन और अन्य लोग वहां पहुंचे। यहीं दोनों पक्षों में विवाद हुआ, हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि विवाद की वजह क्या रही। विवाद जब संघर्ष में बदला तो परिक्रमा निकालने वाले लोगों पर ईंट-पत्थर चले और ये लोग वहां से निकल आए। इसके कुछ देर बाद बदला लेने की भावना से यही लोग वापस विवाद वाली जगह पर पहुंचे। उस वक्त उनकी संख्या 20 से 25 थी। ये लोग जब वहां पहुंचे तो इनके हाथ में भी असलहे और हॉकी-डंडे थे।
डीएम के मुताबिक, पता चला है कि जिस घर के लोगों से परिक्रमा निकालने वाले समूह का विवाद हुआ था, गोली उसी की छत से चली। गोली लगने से चंदन की मौत हो गई, जबकि नौशाद नाम का एक युवक घायल हो गया। एंकर ने जब पूछा कि गोली सिर्फ एक समुदाय की ओर से चली या क्रॉस फायरिंग हुई थी, डीएम ने कयास लगाए कि शायद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। डीएम के मुताबिक, शायद उसी फायरिंग में नौशाद भी घायल हुआ। अधिकारी के मुताबिक, चंदन की मौत से पता चला है कि गोली ऊपर से चलाई गई। प्रथमदृष्टया ऐसा कहा जा रहा है कि मुस्लिम के छत से गोली चली। इस मामले में गोली चलाने वाले के तौर पर सलीम नाम का शख्स आरोपी है। जब उसकी गिरफ्तारी के लिए घर पर दबिश दी गई तो वह फरार मिला। डीएम ने कहा कि अगर आरोपी जल्द आत्मसमर्पण नहीं करता तो कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
मामला बिगड़ने पर इलाके में कफ्यू क्यों नहीं लगाया गया, यह पूछने पर डीएम ने कहा कि हालात ऐसे नहीं थे। दो दुकानों को छोड़कर आगजनी की कुछ छिटपुट घटनाएं बाहरी इलाकों में हुईं, जिनमें कबाड़ी वालों की बोरियों, टूटी कुर्सियों और टूटी गुमटियों आदि में आग लगाई गई। ऐसा महज दशहत फैलाने के लिए किया गया। डीएम ने कहा कि घटनाएं बेहद छोटी थीं, इसलिए धारा 144 लगा दी गई। डीएम ने आगे बताया कि जिस जुलूस में मृतक चंदन शामिल था, उसमें मुस्लिम युवक भी शामिल थे। डीएम के मुताबिक, दो समुदायों के बीच विवाद को दूसरा रूप दे दिया गया। एक हफ्ते में पूरे मामले का पर्दाफाश हो जाएगा। उधर , इस मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए एसपी को हटा दिया। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनकी जगह पीयूष श्रीवास्तव को नया कप्तान बनाया गया है। बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर कासगंज शहर में कथित रूप से आपत्तिजनक नारों को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। कुछ लोग घायल भी हो गए थे। वारदात के बाद शहर में रह-रहकर कई हिंसक वारदात हुई थीं। मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उधर, यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने भी हिंसा की घटनाओं पर तल्ख टिप्पणी की। नाइक ने गणतंत्र दिवस पर कासगंज में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प को ‘कलंक’ और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि मामले में सरकार को और गहराई से जांच करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा,‘कासगंज में जो भी हुआ, वह किसी को शोभा नहीं देता। किसने शुरुआत की और किसने बाद में जवाब दिया, यह बात तो जांच में बाहर आयेगी, लेकिन निश्चित तौर पर कासगंज में जो भी घटनाएं हुईं, वे उत्तर प्रदेश के लिए कलंक हैं। सरकार इसकी जांच कर रही है और इसमें कड़ा से कड़ा रुख अपनाया जाना चाहिए।’ इस बीच, कासगंज शहर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हालांकि, अधिकतर बाजार अब भी बंद हैं, लेकिन सड़कों पर लोगों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। बहरहाल, जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को एहतियातन सोमवार रात 10 बजे तक बंद रखा है। पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ियां शहर में लगातार गश्त कर रही हैं। शहर की सीमाएं अब भी सील हैं।