राजद के बड़े नेता के एक बयान से बिहार में चढ़ा राजनीतिक पारा, सियासी अटकलों का बाजार गर्म

राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के दावा किया कि राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लालू प्रसाद की पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। इसने बिहार के राजनीतिक हल्के में आज हलचल पैदा कर दी है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के उक्त दावे को हालांकि कुशवाह और मांझी सहित राजग के नेताओं ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रघुवंश का “अपनी पार्टी में कोई अधिकार नहीं” और “आवश्यक्ता से अधिक बोलने की उन्हें आदत है”।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की चारा घोटाला से जुडे़ एक मामले में रांची की एक जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आज दावा किया कि राजग में भाजपा के सभी सहयोगी असहज महसूस कर रहे हैं। राजग में बिखराव की स्थिति है। उपेंद्र कुशवाहा अलग होना चाहते हैं। जीतन राम मांझी हमारी पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं। उनका हमारे साथ आना मात्र एक औपचारिक्ता होगी।

रघुवंश ने दावा किया कि सारी प्रक्रियाएं अंदुरूनी तौर पर चल रही हैं और एक दिन इनका :जदयू और भाजपा: का भंडाफोड होगा और सब गैर भाजपाई दल इनको पछाडेंगे और इन्हें 2018 के अंत तक सत्ता से बेदखल कर देंगे। रघुवंश के उक्त दावे के बारे उपेंद्र कुशवाह ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उसे खारिज करते हुए राजग को एकजुट बताया और आरोप लगाया कि उनकी “आवश्यक्ता से अधिक बोलने की आदत है”। उनकी बातों का कोई मतलब नहीं निकलता। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चौधरी की उक्त मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि इसे अधिक महत्व दिए जाने की आवश्यक्ता नहीं है।

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