कड़ी सुरक्षा के बीच राजस्थान के उपचुनावों में भारी मतदान

प्रदेश में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उपचुनाव में सोमवार को हुए भारी मतदान के बाद दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने जीत के दावे किए हैं। अजमेर और अलवर लोकसभा व माडंलगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के साथ ही कई दिग्गज नेताओं ने भी वोट डाले। माडंलगढ़ विधानसभा सीट पर मतदान 80 फीसद से ज्यादा हुआ है तो अजमेर में 65 और अलवर लोकसभा सीट पर 60 फीसद से ज्यादा वोट डाले जाने का अनुमान है। इन क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग मशीनों में खराबी के चलते देर से मतदान शुरू होने के कारण वोट डालने की कतारें शाम सात बजे तक लगी हुई थी। इसके बाद ही निर्वाचन विभाग सही आंकडे़ जारी करेगा।

अजमेर के कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग मशीनें खराब होने से मतदान में बाधा भी पहुंची। अजमेर शहर के ही एक मतदान केंद्र पर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी की कांग्रेस कार्यकर्ताओं से तीखी झड़प भी हो गई। इसके बाद देवनानी ने निर्वाचन अधिकारी को शिकायत करते हुए बताया कि इस मतदान केंद्र पर कांग्रेस के कुछ बाहरी कार्यकर्ताओं ने बूथ पर घुसने की कोशिश की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देवनानी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप भी लगाया। अजमेर सीट पर भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल सांसद भूपेंद्र यादव के अलावा वसुंधरा सरकार के मंत्री देवनानी और अनिता भदेल ने भी अपने मत का इस्तेमाल किया। अलवर में भाजपा उम्मीदवार जसवंत यादव ने बहरोड में मतदान कर अपनी जीत की पक्की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कमजोर उम्मीदवार उतार कर उनकी जीत को आसान कर दिया।

शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर में वोट डालने के बाद कहा कि भाजपा उम्मीदवार की जीत तय है। कांग्रेस अपनी हार से बौखला कर ही उन पर आचार संहिता के उल्लघंन का अनर्गल आरोप लगा रही है। चुनाव आयोग ने तीनों सीटों पर मतदान के दौरान कडेÞ सुरक्षा के प्रबंध किए है। मतदान मशीनों में खराबी को फौरन ठीक करने के इंतजाम किए गए हैं। निर्वाचन विभाग का कहना है कि सभी जगह शांतिपूर्ण मतदान हुआ। सत्ताधारी भाजपा के लिए तीनों उपचुनाव जबरदस्त प्रतिष्ठा के बन गए है। कांग्रेस ने भी इन सीटों को भाजपा से झटकने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।

राज्य में अगले विधानसभा चुनाव से पहले हुए अजमेर और अलवर लोकसभा सीट और माडंलगढ़ विधानसभा सीट का उपचुनाव प्रदेश में आगे की सियासत की दशा और दिशा को तय करने वाले साबित होंगे। विधानसभा चुनाव से ठीक दस महीने पहले हो रहे इन उपचुनावों को दोनों दल सत्ता का सेमीफाइनल मान रहे है।

उपचुनाव वाली तीनों सीटों पर भाजपा का कब्जा था और प्रदेश में चार साल से उसकी सरकार है। इन सीटों पर कब्जा बरकरार रखना भाजपा के लिए चुनौती वाला बन गया है। भाजपा ने प्रचार की शुरुआत सरकार के विकास कामों से की पर उसका पूरा जोर प्रमुख जातियों को साधने में ही लगा रहा। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रचार का मोर्चा संभाल कर पूरी ताकत लगाई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने मतदान के बाद यहां दावा किया कि तीनों सीटों पर उनकी जीत तय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने मतदान के बाद कहा कि तीनों इलाकों की जनता ने भाजपा सरकार से त्रस्त हो भारी तादाद में मतदान किया है। इससे साफ है कि तीनों सीटों पर जनता कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने निकली।

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