मिस्टर इंडिया’ के लिए पहले चुना गया था अमिताभ बच्चन का नाम, तो कैसे मिला अनिल कपूर को इसमें ‘काम

‘कृष’ भारत का देसी ‘सुपरहीरो’ माना जाता है। हवा से तेज भागना और ऊंची इमारतों से छलांग लगाना उसके लिए आम है। वहीं, आम लोगों की जान बचाना उसका धर्म। लेकिन उससे पहले भी एक ‘सुपरहीरो’ आया था। मिस्टर इंडिया। याद है? 1987 में फिल्म आई थी ‘मिस्टर इंडिया’। यह बी-टाउन की पहली स्काई-फाई फिल्म है।

अनिल कपूर इसमें अरुण वर्मा उर्फ मिस्टर इंडिया के रोल में थे। वह एक यंत्र की मदद से इसमें अदृश्य हो जाता है और दुश्मनों को धूल चटाता है। लेकिन यह रोल सबसे पहले अमिताभ बच्चन को ऑफर हुआ था। फिर यह राजेश खन्ना के पास पहुंचा। जब उन्होंने भी न कह दी, तो यह अनिल कपूर को मिला। जानिए उन्हें यह रोल मिलने की रोचक कहानी।

कहानी समझने के लिए हमें पीछे चलना होगा। आपने मशहूर स्क्रिप्ट राइटर जोड़ी सलीम-जावेद का नाम सुना होगा। उन्होंने अमिताभ बच्चन की कई फिल्में लिखीं। सुपर-डूपर हिट शोले, ‘डॉन’ और ‘दीवार’ उन्हीं के कलम से निकली कहानियां थीं। एक बार अमिताभ एक साथ कई फिल्में कर रहे थे। तब उनके पास समय नहीं था। तब सलीम-जावेद को ऐसी कहानी लिखने की सूझी, जिसमें उन्हें (हीरो) सीन से ज्यादातर गुल रहता है।

यह फिल्म थी- ‘मिस्टर इंडिया’। अमिताभ इसमें काम नहीं कर सके। इस दौरान राइटर जोड़ी टूट गई। फिर यह फिल्म जावेद अख्तर की झोली में गिरी। वह बोनी कपूर के पास इसे लेकर गए, तो उनके दिमाग में डायरेक्टर के लिए सबसे पहला नाम शेखर कपूर का आया। उन्हें 10 हजार रुपए में बतौर डायरेक्टर साइन किया गया।

 अब बारी थी हीरो को तलाशने की। बोनी दिमाग चला रहे थे। उन्हें राजेश खन्ना इसके लिए फिट लगे। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। कहा कि इसमें तो मैं गायब ही रहूंगा, मैं नहीं करूंगा यह फिल्म। बोनी को फिर एक दिन लगा कि घर में ही छोरा है और पूरे नगर में ढिंढोरा पीटा जा रहा है। उन्होंने अनिल कपूर को इसका हीरो बनाया।

 

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