दुश्मन के टैंक को करना था तबाह, 20 साल की इस लड़की ने खुद को उड़ाया
सीरिया में एक कुर्दिश महिला फाइटर के खुद को उड़ाने का मामला सामने आया है। शनिवार (28 जनवरी) को महिला फाइटर ने तुर्की फौज के एक आत्मघाती टैंक को तबाह करने के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। कुर्दिश सीरियन डेमोक्रेटिक फौज ने रविवार को इस घटना की जानकारी दी। महिला फाइटर की पहचान 20 वर्षीय अवेस्ता खाबुर के रूप में हुई है। अवेस्ता वुमेन्स प्रोटेक्शन यूनिट (वाईपीजे) की मेंबर थी। वाईपीजे उत्तर पश्चिमी सीरिया में कुवैत कैंटन आफ्रीन के नियंत्रण में एक सशस्त्र समूह है, जो 20 जनवरी से तुर्की सेना पर हमला करने के लिए तैयार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना अफरीन के जंदारिस जिले की है। यहां 20 वर्षीय अवेस्ता खाबुर ने तुर्की के आत्मघाती टैंक को तबाह करने के साथ उसके आसपास मौजूद सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया। दूसरी ओर, तुर्कीश आर्मी की तरह से इस घटना के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सीरिया में महिला फाइटर आर्मी (वाईपीजे) और पुरुष आर्मी (वाईपीजी) आईएसआईएस के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ रही है। बताते चलें कि वाईपीजे और वाईपीजी एसडीएफ आर्मी की रीढ़ की तरह है।
वहीं शनिवार को आईएसआईएस आंतकवादियों पर हमला करने वाली महिला फाइटर अवेस्ता ने साल 2014 में वाईपीजे आर्मी ज्वॉइन की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अवेस्ता खाबुर का वास्तविक नाम जुल्का हामो है, जिसका जन्म जिबूती सिटी के शहर बालबाला में हुआ था। अवेस्ता ने इस घटना से करीब 3 महीने पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इस वीडियो में अवेस्ता ने अपने स्वास्थ्य के बारे में बताते हुए उन्हें अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दी थीं।
बता दें कि सीरिया और इराक में आईएसआईएस और कुर्दिश ठिकानों पर नाटो फौज के हमलों के बाद से तुर्की ने भी अपने देश के अंदर मौजूद कुर्दिश ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं। दूसरी ओर कुर्दिश पेशमर्गा, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और वुमन्स प्रोटेक्शन यूनिट के फाइटर्स इराक और सीरिया में आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। वाईपीजी ने स्वीकार किया है कि आईएसआईएस के खिलाफ शुरू हुए इस ऑपरेशन में उन्होंने अब तक 43 सैनिक खो दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में दक्षिण पश्चिम अफ्रिन के कुब्ला गांव में तुर्की के एक हमले में एक ही परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई थी, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। वहीं इस ऑपरेशन की शुरुआत के बाद से अब तक करीब 51 आम नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 17 बच्चें और 7 महिलाएं शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अफ्रीन में 11 बच्चों की मौत की पुष्टि भी की है थी।