कोर्ट में बोला पुलिसवाला- 24 घंटे सातों दिन काम करते हैं, जज ने पूछा- खाना खाते हो?
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस की ड्यूटी को लेकर एक सुनवाई का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। अपनी ड्यूटी के वक्त से परेशान एक पुलिस वाले ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता सिपाही बाबूलाल मिठरवाल ड्यूटी के वक्त को लेकर कुछ राहत की मांग कर रहा था। बाबूलाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी ड्यूटी 24 घंटे तक रहती है। इस पर जज ने बाबूलाल के सामने जो सवाल रखे वो वाकई में हैरान करने वाले हैं। सिपाही बाबूलाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान जज ने पूछ लिया कि क्या वह खाना नहीं खाते? क्या सोते नहीं?
सिपाही बाबूलाल मिठरवाल ने पुलिस एक्ट 24 के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। दरअसल पुलिस एक्ट 24 के अनुसार पुलिसवालों को जरूरत पड़ने पर हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे के लिए ड्यूटी पर होना अनिवार्य माना गया है। पुलिसकर्मी इसके लिए बाध्य हैं। बाबूलाल ने इसी एक्ट के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस जीएस सिस्तानी और जस्टिस एसडी सहगल बाबूलाल की याचिका से हैरान थे।
इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील और याचिकाकर्ता बाबूलाल मिठरवाल ने अपने-अपने तर्क रखे। बाबूलाल ने कहा कि उनकी ड्यूटी 24 घंटे की रहती है तो जज ने जवाब में पूछा कि क्या पुलिसवाले सोते नहीं हैं, क्या वो खाना नहीं खाते, क्या उन्हें ब्रेक नहीं दिया जाता? जज साहब के ऐसे जवाब सुनकर बाबूलाल ने कहा कि पुलिसवाले ये सब करते हैं, लेकिन मामला पुलिसकर्मियों के लिए बनाए गए नियम का है। उन्हें हफ्ते के 7 दिन, 24 घंटे ड्यूटी के लिए उपलब्ध होना होगा।
साल 2003 में दिल्ली पुलिस ज्वॉइन करने वाले याचिकाकर्ता सिपाही बाबूलाल मिठरवाल ने सुनवाई के दौरान हफ्ते में एक दिन की छुट्टी की मांग की। बहरहाल हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद गृह मंत्रालय से जवाब मांगा है। वहीं गृहमंत्रालय के वकील ने जवाब दायर करने के लिए 2 हफ्तों समय मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी।