गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लिए दिव्यांग बच्चों को रखा 3 घंटे भूखा
दिव्यांग बच्चों को तीन घंटे तक भूखे पेट रहकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का इंतजार करना पड़ा। जब तक राजनाथ सिंह आकर चले नहीं गए, उन्हें लंच को हाथ नहीं लगाने दिया गया। यहां तक कि उस कक्ष में भी जाने नहीं दिया गया, जहां लंच और पेयजल आदि की व्यवस्था रही। व्हीलचेयर की आस में बच्चों को लेकर आए मां-बाप इसको लेकर काफी परेशान रहे। भूख–प्यास से बेहाल बच्चे कार्यक्रम में रोते भी रहे। यह कार्यक्रम इंडियन रेस क्रास सोसाइटी, चंडीगढ़ की ओर से आयोजित था।
दिव्यांग बच्चों को व्हील चेयर के लिए पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च सेंटर( (PGIMER) पर बुलाया गया था, जहां तीन सौ बेड के सराय का उद्घाटन होना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह थे। उन्हें 11 बजे पहुंचना था, मगर वे पहुंचे 11 बजकर 35 मिनट पर। फिर भी बच्चों की मुसीबत खत्म नहीं हुई। पहुंचने के बाद आयोजक राजनाथ सिंह से पौधरोपण कराने लगे। इस बीच कुछ वीआईपी लोगों से राजनाथ सिंह का मिलना हुआ, फिर उन्होंने दिव्यांग बच्चों को व्हीलचेयर वितरित की। इंतजार के पीछे आयोजकों का कहना था कि वे चाहते हैं कि बच्चों के साथ केंद्रीय मंत्री की फोटो खिंच जाए।
कार्यक्रम में मौजूद कुछ पत्रकारों ने व्हीलचेयर की आस में बच्चों को लेकर पहुंचे मां-बाप से बात की तो उन्होंन बताया कि उन्हें सुबह नौ बजे ही बुला लिया था। उनके बच्चे खाली पेट कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए थे। उऩ्हें लगा था कि कुछ समय बाद खाने-पीने को मिल जाएगा मगर मंत्री लेट पहुंचे तो तीन घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम में दो साल की मान्या के रोने के बाबत जब पूछा गया तो मां अनीता ने कहा कि- ‘हम नौ बजे सुबह से ही इंतजार कर रहे हैं, अब साढे 11 बजे रहे हैं, बच्ची भूख से रो रही है, मैं उसे कुछ खिलाना चाहती हूं। चार साल के दिव्यांग बच्चे लकी को संभालने में पिता महेश शर्मा काफी परेशान दिखाई दिए, उन्होंने पूछे जाने पर कहा- मेरा बच्चा तो बेड पर भी ठीक से नहीं सो पाता और यहां सोचिए मेरे बच्चे पर कितनी तकलीफ बीत रही है। खास बात है कि चंडीगढ़ म्यूनिसिपॉलिटी की ओर से कार्यक्रम स्थल के बाहर मोबाइल टॉयलेट लगाया गया था मगर गृ मंत्री के जाते ही फौरन उसे हटा लिया गया।