RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए बजट के खिलाफ कल देश भर में प्रदर्शन का किया ऐलान

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये बजट की भले ही पीएम मोदी तारीफ कर रहे हों, लेकिन चुनावी साल एक वर्ष पहले के इस अहम बजट को आरएसएस से जुड़ी एक संस्था ने खारिज कर दिया है। भारत के सबसे बड़े मजदूर संगठनों में से एक भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने इस बजट को निराशाजनक कहा है। BMS आरएसएस से जुड़ी संस्था है। इससे पहले भी BMS स्वदेशी और खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध कर चुकी है। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि सरकार ने इस बजट में मजदूरों के हित में कोई घोषणा नहीं की है जिससे उनका संगठन निराश है। उन्होंने कहा कि इस बजट को वेतन भोगियों के लिए भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है। BMS ने बजट के खिलाफ 2 फरवरी को देश भर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। भारतीय मजदूर संघ ने पिछले साल नवंबर महीने में वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और करमुक्त आय को 5 लाख रुपये तक करने की मांग की थी यही नहीं संगठन ने न्यूनत्तम मासिक पेंशन 3 हजार रुपये करने की मांग की थी।

 

इस बजट में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। BMS ने कहा कि केन्द्र ने बजट में किसानों और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई घोषणा तो की है लेकिन मजदूरों के बारे में कुछ भी नहीं है। BMS का कहना है कि वेतन भोगियों के लिए भी बजट में कोई राहत नहीं दिखाई देता है। संगठन का कहना है कि नौकरी पेशा वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की घोषणा तो की गई है लेकिन यह एक दिखावा है। संगठन का कहना है कि शिक्षा पर सेस बढ़ा दिया गया है जिसका भार सैलरीड वर्ग पर पड़ेगा।

इधर केन्द्र में बीजेपी की सहयोगी टीडीपी ने भी बजट से असंतुष्टि जाहिर की है। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यनमाला राम कृष्णाडू ने कहा कि राज्य सरकार बजट से खुश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने आंध्र प्रदेश के लिए जो कुछ भी मांग रखी थी उसे पूरा नहीं किया गया है।’

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