सीलिंग के खिलाफ व्यवसायी एकजुट, दो दिन तक दिल्ली में दुकानों पर लटके ताले
देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे सीलिंग अभियान के खिलाफ व्यापारी वर्ग लामबंद हो गए हैं। इसके विरोध में 25 सौ मार्केट के हजारों व्यवसायियों ने शुक्रवार (2 फरवरी) से 48 घंटों के लिए अपनी दुकानें बंद रखने का फैसला लिया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के इस फैसले से दिल्ली के तकरीबन सात लाख दुकानों पर ताले लटक गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने रविवार तक दुकानों को बंद रखने की घोषणा की है। इससे सैकड़ों करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है। व्यापारियों के व्यापक विरोध को देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल भी सक्रिय हो गए हैं। 48 घंटे बंद के ऐलान को देखते हुए सुबह से ही ज्यादातर इलाकों में सीलिंग के विरोध में दुकानें बंद नजर आईं। व्यापारी जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी बंद को समर्थन दिया है। कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सीलिंग का तत्काल कोई हल नहीं निकाला गया तो वे बेमियादी बंद पर विचार करेंगे। मालूम हो कि मास्टर प्लान-2021 के तहत नगर निगम की ओर से सीलिंग अभियान चलाया जा रहा है। निगम में भाजपा काबिज है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीलिंग के विरोध में दो दिनों के बाजार बंद की घोषणा से ढाई हजार से ज्यादा बाजार बंद रहेंगे। तकरीबन 500 मार्केट के व्यवसायी विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लेंगे। प्रवीण ने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई अर्थव्यवस्था के लिए काफी नुकसानदेह है। सीलिंग मुद्दे पर व्यापारियों का साथ दे रहे ‘आप’ के विधायक सोमनाथ भारती ने इस मसले पर बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह मास्टर प्लान 2021 की कमियों को दूर कराए क्योंकि इसका अधिकार केंद्र सरकार के पास है। सीएआईटी के बंद के आह्वान को व्यापक समर्थन मिला है। लाजपत नगर क्षेत्र में व्यवसायियों ने सड़क पर उतर कर सीलिंग के प्रति विरोध जताया। कांग्रेस नेता अजय माकन भी प्रदर्शन में शामिल हुए। करोल बाग इलाके में भी दुकानों पर ताले लटकते दिखे। व्यापार संगठनों की अपील से कनॉट प्लेस समेत चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, खारी बावली जैसे बड़े मार्केट में कारोबार ठप रहेंगे।