शिया बोर्ड चीफ ने किए रामलला के दर्शन, कहा- कट्टरपंथी मुल्ला नहीं बनने दे रहे राम मंदिर

मदरसों में आतंकी शिक्षा दिए जाने जैसे बयान को लेकर चर्चा में आए सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे और विवादित परिसर में विराजमान रामलला का दर्शन किए व साधु-संतों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कई मुद्दे पर अपने विचार रखे और कहा कि एक सेकुलर मुसलमान कभी भगवान राम के खिलाफ नहीं बोल सकता। कुछ कट्टरपंथी मुसलमान और मौलवी हैं, जो देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं। इससे पहले वसीम रिजवी ने अयोध्या में विवादित परिसर जाकर रामलला के दर्शन किए। फिर श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आश्रम पर जाकर उनसे मुलाकात की, साथ ही अन्य साधु-संतों से मिले। इस मुलाकात के बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और अयोध्या से हटकर कहीं भी सौहार्दपूर्ण माहौल से मस्जिद का निर्माण किया जाए, इस विषय को लेकर हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

उन्होंने कहा, “मीर बाकी शिया थे, इस आधार पर हमने इस मुकदमे में पैरवी की है और हम चाहते हैं इस विवाद का हल जल्दी हो।” एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि विवादित परिसर पर अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा है। किसी मुल्ला के सामने नहीं। रिजवी ने कहा कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान हैं, वहां पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, इसकी खिलाफत कोई नहीं कर रहा।

उन्होंने कहा कि एक सेकुलर मुसलमान कभी भगवान राम के खिलाफ नहीं बोल सकता। यह कुछ कट्टरपंथी मुसलमान और मौलवी हैं, जो देश की एकता-अखंडता को तोड़ना चाहते हैं। ये वही लोग हैं जिन्हें मुल्क के बंटवारे के समय जिन्ना के साथ पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए था, लेकिन वह नहीं गए और आज के दौर में यही लोग भारत को खंडित करना चाहते हैं। ये जेहाद के नाम पर फसाद करना चाहते हैं, ऐसे लोगों की देश में कोई जगह नहीं है। वसीम रिजवी ने कहा कि जिन्हें जेहाद करना हो, वे बगदादी की फौज में भर्ती हो जाए।

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