सेना पर एफआईआर हुई दर्ज तो रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर भड़के सुब्रमण्यम स्वामी

जम्मू-कश्मीर में जवानों की गोली से मारे गए लोगों के मामले में सेना के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। स्वामी ने शुक्रवार (2 फरवरी) को ट्वीट कर कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का सेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर मुख्यमंत्री मेहबूबी मुफ्ती के बयान को खारिज न करना और हफ्ते भर तक चुप्पी साधे रखना बताता है कि उन्होंने पहले से इसकी मंजूरी दी हो, पार्टी को इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा- ”रक्षा मंत्री सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सेना पर हुई एफआईआर पर मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती के दिए बयान को खारिज करने से मना कर दिया, यह रक्षा मंत्री का पूर्व अनुमोदित विचार लगता है। रक्षा मंत्री की हफ्ते भर की खामोशी पर पार्टी को ध्यान देना चाहिए। हम एफआईआर की अनुमति नहीं दे सकते हैं।” स्वामी की इस आपत्ति पर रक्षा मंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बता दें कि सेना ने भी जवाबी तौर पर एफआईआर दर्ज कराई है। सेना ने यह भी बताया था कि आंतरिक जांच में जवानों की गलती सामने नहीं आई, जवानों ने पत्थरबाजों से आत्मरक्षा और सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए आखिरी फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते सेना के 30 ट्रकों का काफिला दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से होकर गुजर रहा था। काफिले से कुछ ट्रक अलग हो गए थे। 10 गढ़वाल राइफल्स के सैनिकों का काफिला मूवमेंट के लिए बालपुरा से निकला था। गनापुरा इलाके में कट्टरपंथियों को इस बारे में भनक लगी तो करीब 200 पत्थरबाज इकट्ठा हो गए। हाल ही में इस इलाके में सेना ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी फिरदौस को ढेर कर दिया था, इसे लेकर तनाव बना हुआ था।

पत्थरबाजों ने सेना के काफिले से अलग हुए जवानों को घेर लिया। पत्थरबाजों के हमले में सेना के जेसीओ घायल होकर बेहोश हो गए। स्थिति को काबू करने के लिए जवानों ने हवा में फायरिंग की। लेकिन पत्थरबाजों के और नजदीक आने पर आत्मरक्षा में जवानों ने गोली चला दी और तीन लोग मारे गए। पुलिस ने सेना के मेजर और जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद सेना ने भी एक काउंटर एफआईआर दर्ज कराई। मामले को लेकर पीडीपी और बीजेपी में जंग छिड़ती दिख रही है, बीजेपी ने सोना के खिलाफ की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग की है, जबकि पीडीपी ने इसे खारिज कर दिया है।

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