शौहर से पहले ही लिखवा लेंगे, नहीं देंगे तीन तलाक

देश में तीन तलाक की रवायत पर प्रभावी रोक के लिए ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) के ‘मॉडल निकाहनामा’ में निकाह के वक्त शौहर द्वारा भविष्य में कभी एक साथ तीन तलाक नहीं देने की लिखित शपथ देने का प्रावधान जोड़ा जा सकता है। बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर रहमान सज्जाद नोमानी ने बताया कि बोर्ड की नौ फरवरी को हैदराबाद में शुरू होने वाली बैठकों में संशोधित मॉडल निकाहनामे पर चर्चा की जाएगी। इसमें उस प्रावधान को शामिल करने पर विचार-विमर्श होगा, जिसके मुताबिक निकाह के वक्त शौहर को लिख कर देना होगा कि वह अपनी बीवी को कभी तीन तलाक नहीं देगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अनेक सदस्यों ने आलाकमान को तीन तलाक के खिलाफ निकाहनामे में ही शपथ की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है।

नोमानी ने कहा कि निकाहनामे में इस तरह की व्यवस्था हो जाने से तीन तलाक की बुराई पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकेगी। बोर्ड ने हमेशा तीन तलाक को गलत माना है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में जरूरी होने की वजह से इसे अवैध करार नहीं दिया गया। इस बीच, ऑल इंडिया मुसलिम वूमन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एआइएमपीएलबी के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे देर आयद, दुरुस्त आयद वाला करार दिया है।

बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि अगर एआइएमपीएलबी अपने निकाहनामे में तीन तलाक के खिलाफ इस प्रावधान को शामिल करता है तो यह बेहद स्वागत योग्य होगा। तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ चुकी शाइस्ता ने कहा कि वह पूर्व में अपने संगठन द्वारा तैयार निकाहनामे को एआइएमपीएलबी के सामने पेश कर चुकी हैं। वह निकाहनामा पूरी तरह से कुरान शरीफ की रोशनी पर आधारित था। उसमें अक्सर तलाक का मुख्य कारण बनने वाले दहेज और महर की रकम के मसलों को लेकर स्पष्ट बातें लिखी थीं। बोर्ड अगर उसे भी तवज्जो देता तो अच्छा होता। तीन तलाक को पहले ही अपनी व्यवस्था से निकाल चुके ऑल इंडिया शिया पर्सनल बोर्ड ने भी एआइएमपीएलबी के इस इरादे की सराहना की है। बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना याकूब अब्बास का कहना है कि तीन तलाक को रोकने के लिए एआइएमपीएलबी निकाहनामे में प्रावधान का विचार स्वागत योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने एआइएमपीएलबी को अपना निकाहनामा पेश किया था। अगर वह उसे कुरान और शरीयत की रोशनी में सही मानता है तो उसके प्रावधानों को भी एआइएमपीएलबी के निकाहनामे में शामिल किया जाना चाहिए।

तीन तलाक से मुक्ति की तैयारी, नौ को बोर्ड की बैठक

नौ फरवरी को हैदराबाद में शुरू होने वाली बैठकों में संशोधित मॉडल निकाहनामे पर चर्चा की जाएगी। इसमें उस प्रावधान को शामिल करने पर विचार-विमर्श होगा, जिसके मुताबिक निकाह के वक्त शौहर को लिख कर देना होगा कि वह अपनी बीवी को कभी तीन तलाक नहीं देगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अनेक सदस्यों ने आलाकमान को तीन तलाक के खिलाफ निकाहनामे में ही शपथ की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है।

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