जूते की कीमत को लेकर आरोपी दरोगा का हुआ था विवाद
आरोपी प्रशिक्षु दरोगा विजय दर्शन अक्सर पर्थला खंजरपुर गांव आता था। उसकी जितेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र से खासी जान पहचान थी। धर्मेंद्र के मुताबिक कुछ दिनों पहले दरोगा विजय गांव में उसकी जूते की दुकान पर आया था। जहां से उनसे एक जोड़ी जूते खरीदे थे। जूते की कीमत को लेकर दरोगा की उससे बहस हो गई थी। दरोगा ने उसे मजा चखाने की धमकी दी थी। उधर, मुठभेड़ के फर्जी साबित होने पर पुलिस दबाव में आ गई है। जितेंद्र के परिजनों ने केंद्रीय मंत्री और गौतमबुद्ध नगर सांसद डॉ. महेश शर्मा के निष्पक्ष जांच के दावे पर सवालिया निशान लगाया है। डॉ. महेश शर्मा ने फोर्टिस अस्पताल पहुंचकर परिवार के साथ संवेदना जताई थी। उन्होंने घटना को लेकर एसएसपी लव कुमार से बात करने की बात कही थी।
उधर, थाना फेज-3 के एसएचओ जितेंद्र कुमार पिछले कुछ महीनों में सुपर कॉप के रूप में प्रख्यात हुए हैं। थाना फेज-3 में तैनाती के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा बदमाशों को घायल कर पकड़ने की सफलता पाई है। लकिन अब लोग इस पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। ज्यादातर मुठभेड़ों को फर्जी बताया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा के एक थाने में उनकी तैनाती के दौरान भी फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा था।
विजय दर्शन की गिरफ्तारी के बाद फिर से जितेंद्र कुमार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि एसएचओ से डीएसपी प्रोन्नत होने के बाद जितेंद्र कुमार का शासन स्तर से मथुरा तबादला हो चुका है। उनके वहां का जल्द कार्यभार ग्रहण करने के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आरोपी दरोगा विजय दर्शन रात को पर्थला चौकी इलाके में गाड़ी रोककर वहां से गुजरने वालों से वसूली करता था। गाड़ी रोककर शराब पीने वालों को पुलिस चौकी ले जाकर रुपए, चेन आदि छीन लेता था।