राजस्थान विस के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई। बजट सत्र के पहले दिन ही हाल के उपचुनावों की बुरी हार से भाजपा सरकार हताशा में दिखी। सरकार को उसके ही वरिष्ठ विधायक ने घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो विपक्ष पूरी तरह से हमलावर रहा। भाजपा सरकार के मंत्री हार के बाद विधानसभा में बचाव की मुद्रा में रहे। राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल कल्याण सिंह का अभिभाषण हुआ। अभिभाषण शुरू होते ही निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल वैल में आकर सरकार के कामकाज का विरोध करने लगे। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य भी आक्रामक हो गए। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने तो राज्यपाल से कहा कि आप जिस सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे है उससे जनता खासी नाराज है। डोटासरा ने किसानों की समस्याएं, बेरो

जगारी, अपराधों में बढ़ोतरी और प्रदेश में हर तरफ अराजकता के माहौल पर ध्यान खींचा। शोरशराबे और हंगामे के बीच सत्ता और प्रतिपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक होती रही।

कांग्रेस ने सरकार के कामकाज को लेकर गंभीर आरोप लगाए। हंगामे के कारण संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल से कहा कि आपका अभिभाषण पढ़ा हुआ माना जाए। इससे राज्यपाल अपना पूरा अभिभाषण भी नहीं पढ़ पाए। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यवाही जब फिर शुरू हुई तो भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी ही सरकार को तीखे तेवर दिखाए।

गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जब भ्रष्ट अफसर और नेताओं को बचाने वाले विवादित विधेयक पर प्रवर समिति को और अधिक समय देने का प्रस्ताव पेश किया तो तिवाड़ी नाराज हो गए। तिवाड़ी ने कहा कि जब जो विधेयक ही खत्म हो गया है उसे और समय देने की कोई जरूरत ही नहीं है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि तिवाड़ी अनर्गल आरोप लगा रहे है। तिवाड़ी ने पलटवार करते हुए कहा कि अब पूरी सरकार ही अनर्गल हो गई है। दोनों के बीच जमकर नोकझोंक होती रही तो कांग्रेस के विधायकों ने भी सरकार की खिंचाई की। कांग्रेस के सचेतक गोविंद सिंह ने कहा कि जनता ने उपचुनावों में भाजपा सरकार को बता ही दिया कि 17 विधानसभा सीटों में से उसे सिर्फ जीरो मिला है।

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