तेजस्वी बने ”कलियुग का अभिमन्‍यु”- पिता लालू यादव के लिए इंसाफ मांगने निकाल रहे न्याय यात्रा

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव 10 फरवरी से न्याय यात्रा पर निकलने वाले हैं। इससे पहले उनके समर्थकों ने उन्हें कलियुग का अभिमन्यू करार दिया है। तेजस्वी के अभिमन्यू अवतार का पोस्टर-बैनर राजधानी पटना में सड़कों के किनारे लगाए गए हैं। इस पोस्टर में तेजस्वी अभिमन्यू के पोज में रथ का चक्र उठाए हुए हैं जिसके पहिए पर लिखा हुआ है न्याय यात्रा। चक्र की पांच कमानियों में बीजेपी-जेडीयू सरकार को बिहार विरोधी, सामाजिक न्याय विरोधी, आरक्षण विरोधी, रोजगार विरोधी और किसान-मजदूर विरोधी ठहराया गया है। पोस्टर पर ही सीएम नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की भी तस्वीर लगी है। इन तीनों नेताओं के हाथ में भाला है। नीतीश के भाले पर लिखा है, “मैं संघ के साथ हूं।” नरेंद्र मोदी के भाले पर लिखा है, “मैं आरक्षण समाप्त करूंगा” और अमित शाह के भाले पर लिखा है, “युवाओं को बेरोजगार करूंगा।”

इस पोस्टर पर चार नेताओं के चित्र भी छपे हैं। इनमें सतीश कुमार चंद्रवंशी, धर्मवीर यादव, रवि यादव और सुनिल कुमार यादव लिखा हुआ है। संभवत: इन्हीं चारों ने ये पोस्टर छपवाया है। बता दें कि तेजस्वी यादव पिछले कुछ महीनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं और उन पर राजनीतिक हमले का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। वो अक्सर ट्विटर के जरिए नीतीश पर हमला बोलते रहे हैं।

 

माना जा रहा है कि न्याय यात्रा के जरिए तेजस्वी राज्य भर के दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमला बोलेंगे। साथ ही अपने पिता लालू यादव के खिलाफ हो रही साजिशों के बारे में भी जनमानस को बताएंगे। तेजस्वी की तरफ से कहा गया है कि जेडीयू-बीजेपी की सरकार द्वारा राज्य में विकास के खोखले दावे को पोल खोलेंगे। जानकार यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा यात्रा के जवाब में तेजस्वी न्याय यात्रा निकाल रहे हैं।
गौरतलब है कि तेजस्वी के पिता और राजद अध्यक्ष लालू यादव चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद यानी 23 दिसंबर से ही रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उन्हें इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है जबकि दूसरे मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। तीसरे मामले में भी लालू सजायाफ्ता हैं जबकि दो और मामलों में सुनवाई जारी है।

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