सड़क से संसद तक जारी है पकौड़ा पर पॉलिटिक्स, लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने पीएम को घेरा
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘पकौड़े बेचने वालों’’ से संबंधित टिप्पणी का मुद्दा प्रमुखता से उठा। विपक्षी दलों ने जहां इस बयान को लेकर रोजगार के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया, वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘पकौड़े बेचने वालों’’ का अपमान कर रहे हैं । भाजपा सदस्य प्रलाद जोशी ने इस संदर्भ में एक इंजीनियरिंग स्रातक का उदाहरण दिया जिन्होंने ऐसा अल्पाहार बेचकर पैसा कमाया । इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कल राज्यसभा में कहा था कि बेरोजगार रहने से अच्छा है, पकौड़ी बेचकर आजीविका चलाना । हाल ही में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े वाले बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि यह देश के गर्व की बात नहीं हो सकती कि पढ़ा लिखे युवा पकौड़ा बेचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार बार कहते हैं कि उन्होंने चाय बेची है। हम मानते हैं कि वह अपनी मेहनत से यहां पहुंचे, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि इस सरकार ने कितने चायवालों के बच्चों को रोजगार मुहैया कराया है ।
इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए माकपा के मोहम्मद सलीम ने सवाल किया कि भाजपा का कौन नेता अपने बेटे को पकौड़े का ठेला लगाने के लिए कहेगा। राकांपा के तारिक अनवर ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 10 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था लेकिन अब प्रधानमंत्री नौजवानों को पकौड़ी बनाने की सलाह दे रहे हैं ।
इससे पहले भाजपा के प्रलाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि पकोड़े वालों से तो भिखारी होना बेहतर है।
इस तरह कांग्रेस के लोग पकोड़ा बेचने वाले लोगों और इस तरह मेहनत करके आय अर्जित करने वाले लोगों को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चाय बेचने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का अपमान किया था और अब वे पकोड़े बेचने वाले का कर रहे हैं। भाजपा के जगदंबिका पाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पकोड़े वाले का नहीं देश के पूरे गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं