इस शहर में बचा है केवल 30 दिन का पानी, फ्लश तक की मनाही, पुलिस पहरे में बंटेगा पानी, सरकार देगी पानी भत्ता
दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन शहर भयंकर जल संकट से गुजर रहा है। तीन साल लंबे सूखे ने शहर की कमर तोड़ दी है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि शहर में 90 दिनों के भीतर पानी खत्म हो सकता है। बढ़ती जनसंख्या से दबाव बझ़ रहा है, केपटाउन की जनसंख्या 40 लाख है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 11 मई, 2018 वह तारीख होगी जब यहां की समस्या बेहद गंभीर हो जाएगी। यहां के बांधों में सिर्फ 30 फीसदी पानी बचा है। 13.5 फीसदी पानी बचने पर शहर की सप्लाई बंद कर दी जाएगी।बांध बंद होने के बाद हर केपटाउन वासी को सिर्फ 25 लिटर पानी दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस की निगरानी में 200 जगहों पर पानी बांटा जाएगा। संकट से निपटने के लिए फिलहाल केपटाउन के निवासियों को कई अहम सलाह दी गई हैं, जिनका पालन उन्हें करना है। 1 फरवरी से, हर व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 50 लिटर पानी इस्तेमाल करने की सीमा तय की गई है। इसके अलावा शॉवर के लिए दो मिनट का वक्त तय किया गया है। कार धोने से मना किया गया है। टॉयलेट का फ्लश कम से कम इस्तेमाल करने की हिदायत भी दी गई है। इसके अलावा बागीचों और स्विमिंग पूल में पानी न भरने की सलाह दी गई है। लोगों से कहा गया है कि नहाने के पानी को रिसाइकिल करें और वाशिंग मशीन का प्रयोग कम करें।
पूरे शहर में नलों पर पानी लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। पिछले पांच सालों में यहां सिंचाई का प्रयोग बेहद कम हो गया है। बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए अधिकारी समुद्र के पानी को साफ करने को प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा नालियों के पानी को भी रिसाइकिल करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा जमीन के भीतर से सात गहरी बोरिंग कर टेबल माउंटेन के नीचे से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है। यहां करीब 1,00,000 क्यूबिक किलोमीटर पानी होने का अनुमान है।
1977 के बाद से केपटाउन इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने हर साल औसतन 508 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की है, मगर पिछले तीन साल में यह आंकड़ा सिर्फ 153 मिमी, 221 मिमी और 327 मिमी रह गया है। तीन साल मिलाकर भी उतनी बारिश नहीं हुई, जितनी 1993 में हुई थी। लगातार तीन साल सर्दियों की बारिश कम होने का यह पहला वाकया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके पीछे अल-नीनो एक वजह हो सकता है।