RBI Monetary Policy February 2018 LIVE: नहीं होगी ईएमआई कम, आ गई RBI की रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने 2017-18 के लिए छठी द्वि-मासिक पॉलिसी स्टेटमेंट जारी कर दिया है। आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6 फीसदी ही रखा गया है। वहीं उपभोक्ता मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 17 महीने के उच्चतम स्तर 5.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि आरबीआई के मध्यम अवधि के 4 प्रतिशत टारगेट से ऊपर थी। आम बजट 2018 पेश होने के बाद यह  मौद्रिक नीति समिति की पहली रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उथल पुथल मची हुई। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो अब आपके लोन की ईएमआई पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जितनी ईएमआई पहले जा रही थी अब भी उतनी ही जाती रहेगी।

आरबीआई का कहना है कि अगस्त 2017 के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। गैर-तेल औद्योगिक कच्चे माल की कीमतों में वैश्विक रूप से वृद्धि हुई है। मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण मानसून पर निर्भर करेगा, जिसे सामान्य माना जाता है। जनवरी में घरेलू पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ीं, जिससे अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में पिछली बढ़ोतरी का पता चलता है। रिजर्व बैंक ने 2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई ने दिसंबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति में वृद्धि की आशंका को देखते हुए मानक नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 6.7 प्रतिशत कर दिया था।

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