कांग्रेस सांसद ने नहीं मानी बात, राज्यसभा सभापति ने पूरे दिन के लिए किया सदन से बाहर

राज्यसभा में आसन के सामने बुधवार को गलत तरीके से मांग उठाना कांग्रेस सांसद रामचंद्र राव को भारी पड़ा। उन्हें सभापति वेंकैया नायडू ने नियम 255 के तहत पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया। राज्यसभा में शून्यकाल शुरू होने पर राव आंध्र प्रदेश को विशैष पैकेज दिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष पर्चा लहरा रहे थे। कई बार मना करने के बाद भी नहीं माने। सभापति की अपील पर कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी राव को वापस सीट पर बैठने के लिए कहा, मगर वे प्रदर्शन की जिद पर अड़े रहे। जब उप राष्ट्रपति ने सदन से बाहर जाने का आदेश दिया तो उन्होंने पूरे घटनाक्रम को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और फिर अपना सामान ले कर सदन से बाहर चले गए। तब जाकर फिर चर्चा आगे बढ़ सकी।

जब कांग्रेस सांसद राव आसन के समक्ष पर्चा लहरा रहे थे, तब सभापति वेंकैया नायडू ने इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए अपने स्थान पर शांति से बैठ जाने को कहा, लेकिन राव नहीं माने। वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर एक भी सदस्य आसन के समक्ष खड़ा है तो समझिए वह सदन का अनुशासन तोड़ रहा है। नायडू ने कहा कि वह इस तरह के आचरण को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। नायडू ने सदन में मौजूद कांग्रेस सांसदों से राव को वापस बुलाने की अपील की, मगर फिर भी बात नहीं बनी, जिसके बाद नायडू ने राज्यसभा की नियम-पुस्तिका में उल्लिखित नियम 255 की बात कहते हुए कहा कि अगर सभापति को लगता है कि कोई सदस्य सदन संचालन में गंभीर व्यधान डाल रहा है तो उसे परिषद से तत्काल वापस बुलाए जाने का आदेश दे सकते हैं। आदेश के बाद सदस्य को शेष दिन की कार्यवाही में अनुपस्थित रहना चाहिए। यह कहते हुए वेंकैया नायडू ने कांग्रेस सांसद रामचंद्र राव को सदन से बाहर जाने का हुक्म दिया। हालांकि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राव के आचरण से कन्नी काटते हुए कहा कि उनकी पार्टी इका समर्थन नहीं करती।

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