मोदी के भाषण में पटेल का जिक्र: राजदीप ने दी सटीक इतिहास पढ़ने की नसीहत, लोगों ने दिए ऐसे जवाब

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए विपक्षी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। लोकसभा में दिए करीब डेढ़ घंटे के भाषण में मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘आपने सही नीति बनाई होती, नीयत साफ होती तो देश आज से कई गुना आगे और अच्छा होता।’ मोदी ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस में व्यापक समर्थन के बावजूद सरदार वल्लभ भाईपटेल को नेतृत्व नहीं दिया गया। अगर पटेल प्रधानमंत्री बनते तो कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास नहीं होता। बता दें कि सत्ताधारी बीजेपी और पीएम मोदी पहले भी यह आरोप लगाते रहे हैं कि कांग्रेस ने वल्लभ भाई पटेल को हाशिए पर रखा। इस भाषण के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरेदसाई ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘नेहरू बनाम पटेल के मुद्दे पर लगातार विवाद पैदा करने की कोशिश दुखद है। देश के महान निर्माताओं को संकुचित राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। और हां, जटिल ऐतिहासिक शख्सियतों के बारे में ज्यादा सटीक ढंग से पढ़ना मदद करेगा।’

जाहिर है, राजदीप ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में ज्यादा सटीक जानकारी हासिल करने की नसीहत दे रहे थे। उनके ट्वीट पर सोशल मीडिया ने काफी प्रतिक्रियाएं दी हैं। चूंकि, राजदीप की छवि मोदी सरकार के मुखर आलोचक के तौर पर रही है, इसलिए अधिकतर यूजर्स ने उन पर ही निशाना साधा। हालांकि, कई सोशल मीडिया यूजर्स उनकी बात से सहमत भी नजर आए। एक यूजर ने तो पूरी बहस को ही अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि दुनिया अंतरिक्ष में कार भेज रही है और हम 1947 से आगे नहीं बढ़ पा रहे। इस यूजर का इशारा स्पेस एक्स कंपनी के रॉकेट लॉन्च और अंतरिक्ष में टेस्ला कंपनी की कार भेजने की घटना की ओर था। वहीं, एक यूजर ने लिखा कि देश को नेहरू और पटेल, दोनों ही महान नेताओं के योगदान के बारे में अच्छे से पता है।

टि्वटर यूजर्स ने यूं साधा निशाना: राजदीप के ट्वीट पर जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘ प्रदेश कांग्रेस कमिटियों के अधिकतर अध्यक्ष पटेल को पीएम बनाना चाहते थे, लेकिन गांधीजी ने नेहरूजी को चुना। गांधीजी की इच्छा लोगों की इच्छा पर भारी पड़ी। नेहरूजी जब एक बार सत्ता में जमे तो उनके उत्तराधिकारियों ने भी दशकों तक राज किया।’ वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘आप इतिहास की कौन सी किताब पढ़ने की सिफारिश करेंगे? परिवारवाद के नीचे पनपे सेंटर-लेफ्टिस्ट इतिहासकारों का लिखा? यह इस मुद्दे का निचोड़ है। आप भी यह बात जानते हैं, लेकिन पहले की तरह आपने इस बात को नजरअंदाज किया।’  वहीं, साइलेंट गाई 21 नाम के यूजर ने राजदीप पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या पीएम को बोलने से रोकने की कोशिश दुखद नहीं है? बता दें कि लोकसभा में पीएम को विपक्ष के तीखे हंगामे के बीच अपना भाषण देना पड़ा। एक सोशल मीडिया यूजर ने तो राजदीप पर तंज कसते हुए बरनॉल इस्तेमाल करने की सलाह दे डाली।

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