कांग्रेस मुक्त भारत मेरा नहीं महात्मा गांधी का विचार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Parliament Budget Session 2018: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। पीएम ने लोकसभा में कहा कि बहुत से सांसदों ने बहुत से मुद्दों पर अपने विचार रखे। राष्ट्रपति का अभिभाषण किसी दल का अभिभाषण नहीं था, वह पूरे भारत की जनता की अकांक्षाओं के बारे में था। उन्होंने अपने संबोधन में विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल होते तो आज कश्मीर की समस्या नहीं होती। लोकसभा को जैसे ही पीएम मोदी ने संबोधित करना शुरू किया, वैसे ही विपक्ष की ओर से हंगामा किया जाने लगा। विपक्ष के नेताओं द्वारा ‘झूठे भाषण बंद करो-झूठे आश्वासन बंद करो’ का नारा लगाया गया। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने देश को पनपने नहीं दिया, इसलिए हमें लोकतंत्र का पाठ न पढ़ाए। आपके पापों की सजा आज पूरा देश भुगत रहा है।’
राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण का LIVE UPDATE
– राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको न्यू इंडिया नहीं चाहिए आपको घोटाले वाला भारत चाहिए, आपको आपातकाल वाला भारत चाहिए।’ कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी और उनकी सरकार पर योजनाओं का नाम बदलने का आरोप लगाया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम नेम चेंजर नहीं, ऐम चेजर है यानी लक्ष्य का पीछा करना हमारा मकसद है।
– पीएम मोदी के भाषण के बीच में ही रेणुका चौधरी जमकर हंस पड़ी। उनके हंसने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने रामायण के बाद पहली बार ऐसी हंसी सुनी। मोदी ने कहा, ‘बेनामी संपत्ति के खिलाफ कांग्रेस कानून लागू नहीं कर रही थी। हम आए और हमने कानून लागू कर दिया। हमने 3500 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति जब्त की।’
लोकसभा में क्या बोले पीएम मोदी-
– राज्यसभा से पहले पीएम मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया था। उन्होंने लोकसभा में कहा था, ‘मेरी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस ने हमेशा से लोकतंत्र को कमजोर किया। कांग्रेस एक परिवार के गीत गाती रही। लोकतंत्र कांग्रेस या नेहरू जी की देन नहीं है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी परंपरा में है। आपने (कांग्रेस) अन्याय न किया होता तो सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते और कश्मीर समस्या न होती।’ बता दें कि यह संसद के बजट सत्र में पीएम मोदी का पहला अभिभाषण है।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम नहीं भूल सकते कि किस तरह से कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के बेटे नीलम संजीव रेड्डी का अपमान किया। देश में कोई भी कांग्रेस से तो लोकतंत्र का पाठ नहीं पढ़ना चाहता। दिसंबर में हमने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव देखा या फिर राजतिलक देखा?’
– प्रधानमंत्री ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा, ‘कोई देश की राजनीति या नेतागीरी देश को बर्बाद करने का काम करे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश को जिन्होंने लूटा है उनको देश को वापस लौटाना पड़ेगा। इससे मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं। मध्य वर्ग के बीच निराशा का भाव पैदा करने के लिए भ्रम और झूठ फैलाया जा रहा है, सरकार ने उनको 12,000 करोड़ रुपये के नए फायदे दिए हैं।’
– एनडीए सरकार की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा, ‘एनडीए सरकार ने देश में वर्क कल्चर को बदल दिया। प्रोजेक्ट के बारे में न केवल विचार किया गया बल्कि उन्हें अच्छी तरह से सही समय पर शुरू भी किया गया। एनडीए सरकार पिछली सरकारों से ज्यादा तेजी से रोड का निर्माण कर रही है। हमने पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया।’
– प्रधानमंत्री ने कहा, ‘खड़गे जी ने रेलवे और कर्नाटक के बारे में बात की। मुझे बिदर-कलबुर्गी रेल लाइन के बारे में सच्चाई बताने दीजिए। वाजपयी सरकार के द्वारा इस प्रोजेक्ट को साल 2004 में स्वीकृति दे दी गई थी, लेकिन साल 2013 तक इसमें कोई भी काम नहीं किया गया। बीजेपी की सरकार आई तब इस पर काम शुरू हुआ।’
– पीएम मोदी के अभिभाषण के बीच कांग्रेस ने ‘मैच फिक्सिंग नहीं चलेगी’, ‘झांसा देना बंद करो’, ‘धोखा देना बंद करो’ के नारे लगाए। वहीं प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह नरेंद्र मोदी लाल किला से कहता है कि देश आज जहां है उसमें पिछली सभी सरकारों का योगदान है। ऐसा किसी कांग्रेस नेता ने कभी नहीं कहा।’
– बजट सत्र के पहले संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा, ‘चुनाव से पहले पत्थर पर नाम जड़ जाएगा तो काम हो जाएगा। आपने बाड़मेर रिफाइनरी में भी यही किया पर हमने देखा काम बस कागज पर हुआ है। हमने आज उस का को प्रारंभ कर दिया है।’
– कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रेडियो कांग्रेस के सुर सुनाता था, टीवी आया तो वह भी कांग्रेस को ही समर्पित हो गया। उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस की नीयत साफ होती तो आज देश जहां है, उससे कई गुना आगे होता। आपने मां भारत के टुकड़े कर दिए, इसके बावजूद ये देश आपके साथ रहा। आप उस जमाने में देश में राज कर रहे थे जिस समय विपक्ष न के बराबर था।’
– पीएम मोदी ने बशीर बद्र की शायरी से कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘खड़गे जी ने कल बशीर बद्र की शायरी सुनाई थी। उसी शायरी की पहले की दो लाइन सुनें ‘जी चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना आगे बढ़े इसके पक्ष में हम भी हैं, लेकिन आपने आंध्र के लोगों के साथ हड़बड़ी में जो किया उसका नतीजा है कि चार साल के बाद भी समस्याएं हैं।’
– प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम नए राज्यों के निर्माण की बात करते हैं तो हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी जी के उस तरीके को याद करते हैं जिसके तहत उन्होंने उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था। उन्होंने दिखाया था कि किस तरह से एक कठिन फैसला लिया जा सकता है।
– प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई थी कि पीएम मोदी बुधवार को संसद के बजट सत्र में भाषण देंगे। पीएमओ ने ट्वीट किया, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद हुई चर्चा का जवाब देंगे। वह लोकसभा में दोपहर को अभिभाषण देंगे और राज्यसभा में उसके बाद शाम को पीएम मोदी बोलेंगे।’
– संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुई थी और एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश किया था।
– वहीं सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संसद में अपना पहला भाषण दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर बरसे। शाह ने कहा कि मोदी सरकार को पिछली कांग्रेस की सरकार का गड्ढा भरने में वक्त लगा, जो कि उन्हें विरासत में मिले थे। उन्होंने कहा था, ‘देश में 55 साल तक एक ही पार्टी का राज रहा। बल्कि एक ही परिवार का राज रहा। बावजूद इसके आज इतने दिनों तक राज करने वाले लोग समस्याएं गिना रहे हैं, हम इन चुनौतियों को स्वीकार करते हैं, लेकिन इसे ठीक करने में वक्त लगेगा।’ इसके अलावा शाह ने यह भी कहा कि पकौड़ा बेचना शर्म की बात नहीं है।
– राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा राज्य के कामकाज में कथित हस्तक्षेप को लेकर दिए गए अपने स्थगन नोटिस को सभापति द्वारा नामंजूर करने पर जोरदार हंगामा किया।