मोदी सरकार के जारी किए आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 2017 में हुईं सबसे ज्यादा सांप्रदायिक घटनाएं
देशभर में साल 2016 के मुकाबले 2017 में सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि इसके पहले इसमें गिरावट दर्ज की गई थी। 2017 में सांप्रदायिक घटनाओं में 111 लोग मारे गए और 2,384 घायल हुए। वहीं, 2016 में 86 लोगों की मौत हुई थी जबकि घायलों की संख्या 2,321 रही थी। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि 2017 में सांप्रदायिक हिंसा की सर्वाधिक 195 घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं, जहां 44 लोग मारे गए और 542 घायल हुए। उन्होंने सदन में बताया कि कर्नाटक में बीते साल 100 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, जिनमें नौ लोग मारे गए और 229 घायल हो गए। राजस्थान में ऐसी 91 घटनाएं हुईं जिनमें 12 लोग मारे गए और 175 घायल हो गए। मंत्री ने कहा कि 2017 में बिहार में 85 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और 321 घायल हो गए। मध्य प्रदेश में 60 घटनाएं हुईं और इनमें नौ लोग मारे गए एवं 191 घायल हो गए। उन्होंने कहा कि पिछले साल पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की 58 घटनाएं हुईं, जिनमें नौ लोग मारे गए और 230 घायल हो गए। गुजरात में 50 घटनाएं हुईं और आठ लोग मारे गए तथा 125 घायल हो गए।
केंद्र सरकार ने 21 दिसंबर, 2017 को सदन में जो आंकड़े रखे थे, उनमें भाजपा शासित राज्यों की स्थिति ज्यादा खराब थी। सांप्रदायिक घटनाओं के रिकॉर्ड में लगातार तीसरी बार उत्तर प्रदेश और कर्नाटक राज्य सबसे ऊपर हैं। 2016 में यूपी में 162 और कर्नाटक में 101 मामले सांप्रदायिक घटनाओं के तहत दर्ज हुए थे। 2015 में सांप्रदायिक घटनाओं का आंकड़ा उत्तर प्रदेश में 155, जबकि कर्नाटक में 105 था।
2014 के आंकड़ों पर नजर डालें तो यूपी में कुल 26 लोगों की जान गई, जबकि 133 लोग घायल हुए। राजस्थान में 14 लोग मारे गए जबकि 72 घायल हुए। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र था, जहां 12 लोगों की जान गई और 97 लोग घायल हुए। मध्य प्रदेश में भी 12 लोगों ने जान गंवाई जबकि 56 लोग घायल हुए।