विधायक को नवजात बेटी को दूध पिलाने हर घंटे जाना पड़ा घर, शुरू की विधानसभा में फीडिंग रूम की मुहिम
इस साल की शुरुआत में आस्ट्रेलियन सांसद लरिस्सा वॉटर्स देश की ऐसी पहली महिला राजनेता बन गई थीं जिन्होंने अपनी नवजात बच्ची को संसद में ही दूध पिलाया था। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में संसद में महिलाओं को संसद में दूध पिलाने की अनुमति दी गई थी। ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत में भी इस प्रकार का कानून लाने की मांग उठने लगी है। असम की एक विधायक ने विधानसभा में बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक कमरा बनाने की मांग उठाई है। विधायक अंगूरलता डेका का कहना है विधानसभा में फीडिंग रूम होना चाहिए ताकि घर में मौजूद उनकी एक माह की बेटी को भूखा न रहने पड़े।
अंगूरलता ने कहा कि मैं ये नहीं कह रही हूं कि ऑस्ट्रलिया जैसा ही कानून यहां भी बनाया जाए लेकिन मैं चाहती हूं कि तनज़ानियन सांसद की तरह हमारे लिए के स्पेशल कमरा बनाया जाए जहां मेरी जैसी मां अपने बच्चों की देखभाल कर सकें। पहली बार विधायक बनीं अंगूरलता ने 3 अगस्त को एक बेटी को जन्म दिया था। संडे एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान अंगूरलता ने असम विधानसभा में फीडिंग रूम बनाने की मांग की। असम फिल्मों की मशहूर 31 वर्षीय अदाकारा अंगूरलता ने कहा कि 4 सितंबर से शुरु हुए मानसून सेशन के दौरान उन्हें विधानसभा से अपने घर तक काफी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
अंगूरलता ने कहा कि उन्हें हर एक घंटे में विधानसभा छोड़कर घर बेटी नमामी को दूध पिलाने जाना पड़ता है। इस कारण मैं विधानसभा में होने वाली काफी बहस और चर्चाएं छोड़ चुकी हूं। विधानसभा और घर के बीच फंसी अंगूरलता ने पार्लियामेंटरी अफेयर्स मिनिस्टर चंद्र मोहन से विन्नती की है कि विधानसभा में स्पेशल कमरा बनवाया जाए। कानून की बात करें तो महिलाओं को 6 महीनों के मेटर्निटी लीव मिलती है लेकिन यह कानून विधायकों और सांसदों पर लागू नहीं होता है। इसके साथ ही अंगूरलता चाहती हैं कि सरकार सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों पर भी महिलों के लिए स्पेशल रूप बनाया जाए।