VIDEO: अपने भाषण में अमित शाह बोल गए कुछ ऐसा कि अब उड़ रहा है मजाक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार (9 सितंबर) को कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और इससे काला धन सरकारी तंत्र में आया है जिसका इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए किया जा रहा है। शाह ने शीर्ष उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि नोटबंदी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा लिए गये कठिन निर्णयों का एक उदाहरण है। शाह ने यह बात ऐसे समय में कही है जब रिजर्व बैंक ने बंद किये गये 99 प्रतिशत नोट के वापस बैंकिंग तंत्र में लौट जाने की बात कही है, जिसके बाद विपक्षी दल नोटबंदी को लेकर नये सिरे से आलोचना कर रहे हैं। शाह ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पिछली तिमाही में गिरकर 5.7 प्रतिशत पर आ जाने की बात पर कहा कि ऐसा कुछ ‘तकनीकी कारणों’ से हुआ था। उन्होंने आगे जोड़ा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी जो इस सरकार में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
शाह ने बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) पर कहा कि मोदी सरकार को ये फंसे ऋण विरासत में मिले थे। इनमें से कोई भी कर्ज इस सरकार के कार्यकाल में नहीं दिया गया। यह मोदी सरकार का साहसिक कदम था कि बैंकों के बैलेंस शीट में एनपीए को दिखाने के लिए कहा गया। शाह ने कहा, ‘‘यह मुद्दा राजनीतिक लगता है। लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि एनपीए हुआ एक भी कर्ज हमारी सरकार के दौरान नहीं दिया गया। विपक्ष इतने सारे ऋण के एनपीए हो जाने को लेकर हमें निशाने पर लेता है। लेकिन एक भी हमारे समय का एनपीए नहीं है। हमें यह विरासत में मिला है।’’
कारोबार आसान करने के लिए उठाये गये कदमों पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार ने सात हजार से अधिक फैसले लिये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार के कुछ आलोचक कहते हैं कि विकास थम गया है लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे विकास खोजने के लिए आंकड़े देखने के बजाय देश में घूमें।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रोजाना 69 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण के बजाय अब प्रतिदिन 133 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बन रही हैं। पहले रोज 4.3 किलोमीटर रेल लाइन बिछायी जा रही थीं पर अब हर दिन 7.9 किलोमीटर रेल लाइन बिछायी जा रही हैं। रेल क्षेत्र ने पिछले दो साल में पहले के पांच सालों की तुलना में दो गुणा निवेश आर्किषत किया है। इस सरकार के कार्यकाल में दो लाख किलोमीटर से अधिक फाइबर केबल बिछायी गयी हैं जो इससे पहले महज 358 किलोमीटर था। अभी से पहले परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी मिलने में 600 दिन लगते थे पर अब महज सौ दिन में ही मंजूरी मिल जाती
शाह ने कहा, ‘‘मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य बेहद सुंदर है और इसे दुनिया की सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था बनने से कोई रोक नहीं सकता है।’’ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में उन्होंने कहा कि इससे राज्यों के एकसमान विकास का रास्ता तैयार होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक पश्चिमी राज्य विकास कर रहे थे जबकि पूर्वी राज्य पिछड़ गये थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में 17 प्रकार के विभिन्न कर थे लेकिन अब जीएसटी के तहत ‘एक देश-एक कर’ की व्यवस्था तैयार हुई है।