नायडू के साथ खड़ा हुआ पूरा विपक्ष, नेता ने राज्यसभा सभापति पर फेसबुक पर लिखी थी पोस्ट

राज्यसभा में जनहितों से जुड़े मुद्दे उठाने में सभापति वेंकैया नायडू पर बीते मंगलवार को भेदभाव का आरोप लगाकर सदन का बहिष्कार करने वाले विपक्ष का रुख शुक्रवार को चौंकाने वाला रहा। सभी विपक्षी सांसद एकजुट होकर सभापति नायडू के पक्ष में खड़े नजर आए। राज्यसभा में यह अप्रत्याशित नजारा था। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी के सांसदों ने नायडू के सम्मान में खूब बातें कीं। मामला एक राज्यसभा सांसद की ओर से सभापति नायडू के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी का था। जिसके एकसुर में सांसदों ने निंदा करते हुए माफी मांगने की बात कही।

सबसे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल सदन में खड़े हुए और उन्होंने सभापति से बोलने की इजाजत मांगी। जब सभापति ने मंजूरी तो उन्होंने बगैर संबंधित सदस्य का नाम लिए फेसबुक टिप्पणी की निंदी की। उन्होंने कहा कि,’हम सब इस चेयर का सम्मान करते हैं, सबको चेयर पर भरोसा है, मगर एक माननीय सांसद ने सभापति के खिलाफ कुछ ऐसे शब्द फेसबुक पर लिखे हैं, जो संसदीय नहीं हैं। चेयर हमें कुछ भी कहे, हम सबको अधिकार है कि कोई बात हम चेयर के कमरे में कहें, मगर फेसबुक और सोशल मीडिया पर लिखने से सदन और कुर्सी की गरिमा गिरती है।’ अग्रवाल ने कहा कि वे माननीय सांसद से चाहेंगे कि वह चेयरमैन से खेद प्रकट करें।

इसके बाद भाजपा के सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम सब सदन के अंदर चेयर के सम्मान में कार्यवाही में भाग लेते हैं। राजनीतिक दलों के बीच आपस में वैचारिक मतभिन्नताएं हो सकतीं हैं, जहां तक चेयर का सवाल है कि हम सब चेयर से बंधे हैं, जिन भी सदस्य ने टिप्पणी किया है, यह सदन की अवमानना है। उनको खेद व्यक्त करना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि,’फेसबुक हमारे बस की बात नहीं है, न कभी पढ़ता हूं, फिर भी फेसबुक पर ऐसी चीजें आ जाएं तो हम निंदा करते हैं। डेरेक-ओ-ब्रायन ने भी सभापति वैंकैया नायडू के समर्थन में बोलते हुए कहा कि चेयरमैन ने हमें पूरा मौका दिया है बोलने के लिए, इस नाते हमें सदन में बोलना चाहिए न कि सोशल मीडिया पर ऐसी बातें।

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