इशारों में कड़ी नसीहत! पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों को सुनाई ‘प्रसाद’ और ‘भंडारे’ की कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से रूबरू होकर उन्हें आम जन के बीच जाकर सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों के बारे में प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रभावी ढंग से अपनी बात समझाने के लिए कहानी का भी सहारा लिया। पार्लियामेंट्री सेशन के दौरान साप्ताहिक मीटिंग के दौरान मोदी सांसदों की बैठक ले रहे थे। मीटिंग में शामिल एक वरिष्ठ सांसद ने बताया कि कहानी खत्म होने के बाद कोई ऐसा सांसद नहीं रहा, जिसे उसका मतलब न समझ में आया हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को कहानी सुनाते हुए कहा कि एक बार गांव में एक आदमी ने नौ दिन तक कथा का आयोजन किया। उसने सभी गांववालों को बुलाया मगर कोई नहीं आया। आखिरी यानी जिस दिन भंडारा था उस दिन सभी आ गए। प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को इस कहानी के जरिए संदेश दिया कि वे भी जनता की भलाई में अपना योगदान दें, सिर्फ भंडारे का आनंद ही न उठाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को जानकारी दी कि वे 16 फरवरी को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में भाग ले रहे छात्रों को संबोधित करेंगे।
उन्होंने सभी सांसदों से कहा कि वे भी परीक्षा पर चर्चा नामक सेशन आयोजित करें। नरेंद्र मोदी ने सांसदों से कहा कि विप7 बजट को लेकर झूठी बातें प्रचारित कर रहा है, लिहाजा जनता के बीच जाकर इसका पर्दाफाश करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों, गरीबों और किसानों के हित को ध्यान में रखकर बजट तैयार हुआ है। लिहाजा जनता तक यह बात जरूर पहुंचनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों से कहा कि वे अपने इलाके में टिफिन लेकर जाएं और वहां पर जनता के साथ लंच कर चर्चा में भाग लें। मोदी ने खुद अपनी वाराणसी यात्रा का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ लंच किया था।