राहुल का फरमान, माकन के साथ शीला संभालें कमान

दिल्ली में चुनाव की आहट पाकर कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मैदान में उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आदेश पर दिल्ली कांग्रेस मुखिया अजय माकन ने दीक्षित से मुलाकात की है। आलाकमान के दबाव का ही नतीजा है कि सालों बाद दीक्षित व माकन एक साथ नजर आएंगे। आगामी 14 फरवरी को दीक्षित अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ मीडिया से मुखातिब होंगी। माकन भी दिल्ली मंत्रिमंडल में उनके सहयोगी रह चुके हैं।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में तमाम कोशिशों के बावजूद वे इसलिए हार गए क्योंकि पार्टी एकजुट नहीं नजर आई। प्रदेश अध्यक्ष माकन ने दिन-रात एक कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया, लेकिन अंतिम क्षणों में कई नेता पार्टी छोड़ गए इससे जनता में गलत संदेश गया। कांग्रेस अध्यक्ष को यह भी बताया गया कि दिल्ली में कांग्रेस शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाकर ही सत्ता में वापसी कर सकती है। पार्टी ऐसा कर भी रही है, लेकिन जब तक दीक्षित खुद सामने आकर जनता को अपनी सरकार में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा पेश नहीं करतीं, तब तक कांग्रेस का प्रचार मुकम्मल नहीं होगा। कांग्रेस अध्यक्ष को यह भी बताया गया कि ऐसे आसार हैं कि आम आदमी पार्टी के अयोग्य ठहराए गए 20 विधायकों के मामले में अदालती सुनवाई के बाद इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में आगामी अप्रैल-मई में चुनाव हो सकते हैं जो मिनी विधानसभा चुनाव ही साबित होंगे।

सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने खुद ही दीक्षित से फोन पर बातचीत की और उसके बाद माकन से कहा कि वे जाकर पूर्व मुख्यमंत्री से मिलें और मिल-जुलकर काम करें। उसके बाद से ही डॉ योगानंद शास्त्री, हारून यूसुफ, डॉ अशोक कुमार वालिया आदि पूर्व मंत्रियों ने प्रेस वार्ताएं की हैं। डॉ वालिया ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि केजरीवाल सरकार में दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गई है। एक ओर मोहल्ला क्लीनिक खोले गए और मोबाइल क्लीनिक व स्कूल हेल्थ क्लीनिक बंद कर दिए गए।

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